वैष्णो देवी की गाथा
संक्षिप्त परिचय
जम्मू में स्थित वैष्णो देवी का यह मंदिर पहले यह जम्मू-कश्मीर क्षेत्र में आता था लेकिन धारा 370 के बाद यह यह अब जम्मू राज्य बना दिया गया | यहाँ पुरे भारत से लोग दर्शन करने आते है यहाँ महासरस्वती, महालक्ष्मी तथा महाकाली यह तीनो देवियाँ वैष्ण देवी के सयुक्त नाम से प्रतिष्टित हैं और इन्ही के नाम से इस जगह का नामकरण किया गया|
ऐसा माना जाता है की ब्रह्मा ,विष्णु और महेश यहाँ तीनो शक्तियों का समावेश है यह तीनो देवियों ही सम्पूर्ण सृष्टि की उत्पत्ति, पालन तथा संहार का मुख आधार है यथार्थ में सब अलग-अलग होते हुए भी एक है| इन पराशक्तियों को सहश्त्रो नामो से जाना जाता है और इनके सहश्त्रो रूपों में अवतरित होती रही है|
विस्तार से समझें
वैष्णो देवी की कथा
एक प्राचीन कहावत के अनुसार माता वैष्णो देवी का जन्म दक्ष के घर में उत्पन वैष्णव देवी का प्रारंभिक नाम सती था आगे चल के उनका विवाह भगवान शंकर (शिव) से हुआ| कालांतर में यह सती सीता माता ही छदम वेश धारण कर भगवन श्री राम की परीक्षा लेने पहुंची थी जिस करण भगवन शिव सती से रुष्ट हो गए|
भगवान शिव को पुनः प्राप्त करने के लिए घोर तपश्या की और अपने उद्येश्य में सफल हुई और हिमालय में शिव के सात वास करने लगी कहा जाता है की यहीं पर सिद्ध तपस्वी किन्नर देवी-देवता आदि पुण्यात्मा आनंदकंद महादेव जी की सेवा करती है इन्ही मान्यताओं के आधार पर लोग वैष्णव देवी की यात्रा करते है| वैष्णो देवी की चढ़ाई कितने किलोमीटर है? यह यात्रा कटरा बाढ़-गंगा से शुरू होता है और लगभग 4-5 घंटे के चढाई के बाद माता के दर्शन का फल प्राप्त होता है| माता का पवित्र गुफा 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है|
वैष्णो देवी में रहने की व्यवस्था
वैष्णो देवी में ठहरने की जगह के लिए बहुत से आवास और विश्रामगृह उपलब्ध है यहाँ मुफ्त से लेकर लक्ज़री होटल तक है जिसका कीमत 100 रुपए से 5000 रुपए तक के वातानुकूलित होटल है खरीदारी करने के लिए सुसज्जित मार्किट मौजूद है|
वैष्णो देवी जाने का सही मौसम क्या है? जम्मू के स्थानीय लोगों के मुताबिक मार्च से सितम्बर तक का समय उपयुक्त माना गया है क्योंकि इस समय यहाँ का मौसम बहुत अच्छा रहता है यात्रा के अनुकूल रहता है यानि गर्मी और बरसात दोनों ही समय यात्रा के लिए सही है लेकिन सर्दी का समय यात्रा और दर्शन के लिए बिलकुल भी उपयूक्त नहीं है कारण अत्यधिक सर्दी और बर्फ़बारी|
श्री माता वैष्णो देवी की यात्रा
माता वैष्णो देवी यात्रा के नियम को समझे यात्रा की शुरुआत या चढ़ाई कटरा से होती है माता के दर्शन के लिए पहले वैष्णो देवी यात्रा रजिस्ट्रेशन यानि पर्ची कटवानी होती है उसके बाद चढाई शुरू होता है बाण गंगा पर आके स्नान किया जाता है, अपनी पर्ची चेक पोस्ट पर जाँच कराने के बाद आगे की चढाई जारी रखते है यह 4-5 घंटे का चढाई है दरबार पहुँचने के बाद पहले बाबा भैरो का दर्शन किया जाता है इसके उपरान्त माता का दर्शन किया जाता है|
वैष्णो देवी की चढ़ाई कितनी है? ऐसा मान्यता है की बाबा भैरों के दर्शन के बिना यात्रा अधुरा मन जाता है| चढाई के एक सवाल मन में आता है की वैष्णों देवी में कितनी सीढ़ियां हैं इसका अनुमानित सीढ़ियां 3200+ लगभग है| तो आगे से ख्याल रखे आपको इतने सीढ़ि चड़ना होगा|
वैष्णो देवी का मंदिर का रास्ता
भारत सरकार द्वारा यातायात का बहुत ही अच्छा प्रबन्ध किया गया है कई नयी ट्रेन चलाई गई है जो डायरेक्ट दिल्ली से कटरा तक जाती है पुरे 38 ट्रेने है जो सीधे दिल्ली से कटरा तक जाती है बहुत सी बसे है जो डायरेक्ट कटरा तक जाती है ऊपर के चढाई के लिए (बुजुर्गो) के लिए हेलिकॉप्टर की व्यवस्ता सर्कार द्वारा कराया गया है इसके अलावा खचर, बग्गी, पालकी, पिट्ठू या घोड़े का भी व्यवस्था है असहाय और विकलांग लोगों के लिए स्थानी लोगों द्वारा (पैसे में) सेवा उपलब्ध है|
वैष्णो देवी जाने का रास्ता
अगर आप वैष्णो देवी जाने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल करते है उदहारण के लिए दिल्ली से कटरा ट्रेन से जाते है तो इसमें 11 घंटे 30मिनट लगेगा और दुरी 633 किलोमीटर है वन्दे भारत एक्सप्रेस से यात्रा करते है तो AC में Rs3015/- First Class का किराया है AC Chair का Rs1630/-, Sleeper Rs.465/- बस से Rs.600/- है या आप वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड कांटेक्ट नंबर से संपर्क करके गाड़ी से भी जा सकते है | कटरा से वैष्णों देवी की दुरी 1 घंटा 5 मिनट है जोकि 18 किलोमीटर है जो आपको बस से सफ़र करना होता है|
वैष्णों देवी वेबसाइट
माता वैष्णो देवी की वेबसाइट https://www.maavaishnodevi.org/ पर जा के आप वैष्णों देवी की आरती, मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकते है जैसे वैष्णों देवी में कितनी ठंड है, वैष्णो देवी की खबर, ऑनलाइन पर्ची बुक करना, ऑनलाइन दान, लंगर दान आदि जानकारी प्राप्त कर सकते है श्री माता वैष्णों देवी श्राइन बोर्ड ने एक 24×7 हेल्पलाइन नंबर प्रारंभ किया है 01991-234804 पर जाके कोई भी जानकारी प्राप्त कर सकते है|
वैष्णो देवी की कथा
माता वैष्णों देवी की रामायण कथा और माँ वैष्णों देवी की सम्पूर्ण कथा mp3 Download करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें|
माता वैष्णों देवी की अमर कथा
निष्कर्ष
जय माता दी की पवित्र तीर्थ यात्रा को (अमरनाथ की पवित्र गुफा को छोड़कर) वर्तमान समय का सबसे पवित्र तीर्थ कहा गया है माता रानी त्रिकुट पर्वत की तहों में स्थित एक पवित्र गुफा में निवास करती है और इस गुफा में करोड़ों लोगों दर्शन के लिए आते है|
गुफा में भगवती की तिन पिंडियाँ है जो महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती के नाम से विख्यात है एक बात के विशेष ध्यान रखना चाहिए की हमें भैरवजी के दर्शन जरुर करना चाहिए उनके दर्शन के लिए लगभग 3.5 किलोमीटर की दुरी ओर तय करनी होती है जिसकी खड़ी चढ़ाई है अकसर लोग थक जाने के कारण उनके दर्शन नहीं करते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए थोडा हिम्मत जुटाके दर्शन जरुर करें जय माता दी|