लोक व्यवहार

लोक व्यवहार में कुशलता

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संक्षिप्त परिचय

लोक व्यवहार में कुशलता” यह वाक्य इतना महत्वपूर्ण है की आज के इस सभ्य समाज में लोक व्यवहार में कुशलता के बिना रहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है आज हर कोई आगे बढ़ना चाहते जिसके लिए उमसे लोक व्यवहार में महारत होना होगा तभी वह आगे बढ़ सकता है बस यही चीज यहाँ बताया जा रहा है जिसका अनुसरण करके कोई भी अपने जीवन को सही मार्ग पर आगे ले जा सकता है|   

हमारा यह दावा है अगर आप “लोक व्यवहार में कुशलता” पाना है तो हमारे इस लेख को अगर आप ध्यानपूर्वक पढ़ते हैं और अमल में लाते हैं तो हमें यह पूर्ण विश्वास है आप जीवन में लोक व्यवहार की बारीकियों को समझ जायेंगे और जीवन में उन्नति की तरफ बढ़ते जायेंगे| 

हमने तमाम अनुसन्धान और ढ़ेरों किताबों का अध्ययन के आधार पर यह कह सकते हैं की यह लेख आपको निश्चित रूप से सफलता दिलाएगी जिससे आप सफलता के नये-नये आयाम को छुते चले जायेंगे| 

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विस्तार से समझें

लोक व्यवहार प्रभावशाली व्यक्तित्व की कला

अगर आप कुछ बड़ा करना चाहते है?

अपने आपको ऊपर उठाना चाहते है?

जीवन मे ज़बरदस्त तरक्की चाहते है?

कुशल वक्ता या सफल इन्सान बनना चाहते है?

HandSheke

तो इस लेख को पूरा पढ़िए मेरा दावा है – इस लेख को पढने के बाद आपकी पूरी जिंदगी बदल जाएगी| वार्तालाप यानि लोकव्यवहार ही वो तकनीक है जिससे हम लोगों पर अपना प्रभाव डाल सकते है इसमें पारंगत होने के लिए कुछ मुलभुत सिद्धांतो का ज्ञान आपके अन्दर होना आवश्यक है सबसे पहले तो आप अपने को जानो फिर लोगों को जानो उनके स्वभाव, व्यवहार, लक्षण को समझना| डेल कार्नेगी के पुस्तक से प्रभावित होके संक्षेप में पूरी पुस्तक को अपने शब्दों में वर्णित कर रहा हूँ उनका आभार है की उन्होंने समाज को लोक व्यवहार पुस्तक प्रभावशाली व्यक्तित्व की कला सिखाई|

संक्षेप मे उनके गुण-दोष-धर्म को समझना सामनेवाले का अच्छाई और बुराई को समझना उसको क्या पसंद है क्या ना पसंद है, किसमे रूचि है किसमे नहीं है आपको अपने पसंद को दरकिनार कर लोगो के भावना के मुताबित काम करना होगा हर इन्सान अपने मे ही दिलचस्बी लेता है अपनी तारीफ सुनना चाहता है लोगों की दिलचस्बी सिर्फ “खुद मे है” न की “आप मे” लेकिन हमें दोनों को समझना है इन छोटे-छोटे चीजो की समझ अगर आप मे आ गई तो आप एक कुशल व्यक्तिव के इन्सान कहलायेंगे|

Hand Shekes

अपने अन्दर और औरो के अन्दर आत्मविश्वास जगाये किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करें
लोगों से कैसे प्रभावशाली ढंग से वर्तालाव करें – लोकव्यवहार

लोक व्यवहार में कुशलता

मैं आपको कुछ सिद्धान्तिक बात बताता हूँ कभी किसी की बुराई मत करो, न शिकायत और न निंदा ही करो हमें लोगों का मजाक नहीं बनाना चाहिए उनकी आलोचना करने के बजाय हमें उनको समझने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि उनका चीजों को देखने का नजरिया अलग ढंग से हो सकता है और वो अपने हिसाब से सही भी हो सकते है|

Hello

हमारे देखने का नजरिया अलग हो सकता है जिसमे हम भी सही वो भी सही हो सकते है चार अंधो की कहानी तो आपको स्मरण ही होगा एक अँधा को हाथी का सूड पकड़ाया जाता है और पूछा जाता है यह क्या है वो कहता है यह सांप है अगले को पूंछ पकडाया जाता है तो वो कहता है यह झाड़ू है|

तीसरे को हाथी का टांग पकड़ाकर पूछा जाता है तो कहता है यह खम्भा है और चौथे को पीठ पर बैठा दिया जाता है तो वो कहता है यह कोई चलता-फिरता द्वीप है अब अगर हम चारों को देखें तो चारो ही अपने-अपने जगह पर सही है उनका अपना नजरिया अपने जगह सही है इसी तरह लोग अपने नज़र से सही ही होते है (मैं बईमान लोगों की बात नहीं कर रहा हूँ वो अन्य श्रेड़ी मे आते है)

सामने वाला गलत हो सकता है फिर भी सामनेवाले इन्सान के विचारों के प्रति सम्मान दिखाए याद रखे लोगों को ठेस पहुँचाने से वे कभी नहीं बदलते बल्कि इसका उल्टा प्रभाव पड़ता है लोग डर और धमकी से काम करते है लेकिन इसका मतलब यह नहीं की वो हमेशा आपका काम करेंगे एक बार प्यार से करवा के देखिये वो हमेशा आपका काम करेंगे|

वो इन्सान अधिक सफल हुआ है जो सच्चे दिल से लोगो की तारीफ करता है  लोक व्यवहार में कुशलता सार्वजनिक रूप से और अकेले मैं वो इन्सान अपने जीवन मे एक आदर्श स्थापित करता है आपको क्या चाहिये ? जो आप चाहते है वही तो लोग भी चाहते है अपने लिए, आप समझदार है आपको क्या चाहिए|

Hi-hello

लोक व्यवहार प्रभावशाली

अगर आप गलती किये है तो उसे माने और माने की मैंने गलती की है यह भी एक लोक व्यवहार में कुशलता का गुण है यह एक जादू की तरह काम करता है अगर आपका किसी से झगड़ा हो गया है और आप गलत है तो उसे मने लेने मे ही भलाई है|

लेकिन अगर आप अपनी बात को ही प्रमुखता से रखेंगे तो इससे बात बनने के बजाय और बिगड़ जाएगी और आपका बनता हुआ काम बिगड़ जायेगा आजकल लोग छोटे-छोटे बातों के लिए कोट-कचहरी, मुक़दमा-फौजदारी कर लेते है लोक व्यवहार एक कला है जिसके मदत से अगर आप ठंडे दिमाग से शांत होके सोचे तो मामला बहुत छोटा सा था जिसको हमने बहुत बड़ा बना दिया|

दस-पन्द्रह साल का पैसा और समय बर्बाद होने के बाद आपसी सहमती से ही फैसला होता है इसलिए याद रखे अगर गलती आपके तरफ से हुई है तो पहल आपको ही करना होगा अगर हम ऐसा करते है तो हम सामने वाले के नज़र मे गिरते नही बल्कि ऊपर ही उठते है|

भरोसा बनना जब आप किसी का भरोसा बनते है तो उसका हौसला दुगना हो जाता है हिम्मत दे, विश्वास दे की आप कर सकते है जब इन्सान हताश हो, निराश हो, परेशान हो तो उसका हौसला बनना चाहिए उसके दुःख का साथी बनना चाहिए ताकि वो अपने जीवन को सही ढंग से जी सके परेशानियों, मुसीबतों और दुखो का सामना कर सके विश्वास दे की वो भी जीत सकता है उसका आत्मविश्वास बढाये, उसमे उमंग भरें नए ऊंचाई छूने को प्रेरित करें|

इन्सान लोक व्यवहार में प्रभावशाली तब माना जायेगा जब वह इन सब बातों से लोगों का हौसला अफजाई करें और उसके अन्दर एक नयी उर्जा का प्रवाह हो जिससे उसके आत्मशक्ति मे इजाफा होने लगता है पुरे शरीर मे स्पंदन होने लगता है और वो जबरदस्त आत्मविश्वस से भर जाता है जिससे पहाड़ को तोड़ कर उसमे से रास्ता बनाया जा सकता है “माझी दा माउंटेन मैन” फिल्म को देखिये आपके आत्मविश्वास मे जबरदस्त इजाफा होगा और आप अपने नये-नये ऊँचाइयों को छूते चले जायेंगे ऐसा मेरा विश्वास है|

“जीवन जीने का सबसे सही तरीका है अपने पर ध्यान देना बजाय दुसरे पर और जो जैसा है उसको वैसा स्वीकार करना – राधा रमण”

मनुष्य का व्यवहार कैसा होना चाहिए?

आप महत्वपूर्ण है यह अहसास लोगों को होना चाहिए अगर आप लोगों को महत्व देंगे तो अगला भी आपको उतना ही महत्वपूर्ण समझेगा ओर वो आपको ध्यान से सुनेगा यह मानव प्रवृति है लोगों का सम्मान करें उनका आदर करें उनको महत्त्व दें कोई नहीं चाहता की लोग उसको एक मामूली, सामान्य या उसकी अवहेलना करें|

हमें यह ध्यान रहना चाहिए की हर व्यक्ति का अपनी निगाह मे उतना ही महत्त्व होता है जितना की “खुद हम” अपनी निगाह में| लोगों को यह समझने मे मदद करिए की वो एक महत्वपूर्ण इन्सान है और अपने आप को पहचाने की जरुरत है|

Personal Improvement & How to behave with people
How personally we can behave with people

लोक व्यवहार में कुशलता

विश्वास प्राप्त करें इंसानी स्वाभाव है की वो अपने फ़ायदे के लिए काम करता है आपको “win-win situation” के पालिसी पर काम करना चाहिय सामनेवाले का नुकसान भी न हो और अपना फ़ायदा भी हो बिना सामनेवाले को ठेस पहुँचाये या दिल दुखाये अपना भी काम भी सिद्ध हो और वो भी खुश हो इसी को लोक व्यवहार में कुशलता कहते है|साधारण शब्दों मे इसे विश्वास प्राप्त करना कहते है|

एक उदाहरण से समझे एक आदमी दुकान पे जाता है वाटर कूलर खरीदने दुकानदार उसको चार-पांच कूलर दिखता है और कहता है वोल्टास का कूलर सबसे अच्छा है यह ले सकते है अब ग्राहक पूछता है मे कैसे मानु यह सबसे अच्छा है तो दुकानदार उसको अपने पिछले ग्राहकों का अनुभव उसके साथ साझा कर सकता है अब अगर दाम की बात आती है तो (मध्य) की बात किया जा सकता है जिसे compromise कह सकते है न लेनेवाले को महंगा लगे, न बेचनेवाले को घटा लगे हमेशा बीच का एक रास्ता निकला जा सकता है | इसे ही विश्वास प्राप्त करना कहते हैं|

व्यवहार कुशलता का अर्थ

लोक व्यवहार का अर्थ है? या लोक व्यवहार क्या है? लोक व्यवहार में पारंगत अर्थात् लोगों मैं घुलमिल जाना अपने आपको उनसे जोड़ लेना|

धन्यवाद, सुक्रिया, आभार की आदत डाले अगर कोई आपकी मदत करता है तो आपको उसका शुक्रगुजार होना चाहिए लोग होते भी है जो स्वाभाविक है लेकिन लोग कंजूसी करते है उस भाव को प्रकट करने मे, हमें यह जताना होगा की हम वास्तव में आपका शुक्रगुजार है, अहसानमंद है आपके द्वारा किये गए मदत के लिए|

अब इसके विपरीत देखे जब कोई किसी की मदत करता है तो वो प्रशंसा के दो शब्द सुनना चाहता है वो चाहता है की उसके काम की प्रशंसा हो, सच्चे दिल से हो और दिल खोल के प्रशांतापूर्वक और तुरंत इस बात का अहसास हो जाना चाहिए की शुक्रिया तहे दिल से अदा किया जा रहा है याद रखे जब हम कृतज्ञता का भाव प्रकट कर रहें हो तो बुदबुदाए या फुसफुसाए नहीं अपना भाव स्पष्ट और साफ होना चाहिए| यह एक अदृश्य भाव है जो एक से दुसरे मैं स्थानांतरित होता है|

हमने लोक व्यवहार विषय पर पूरा विस्तार से बताया है इसलिए “लोक व्यवहार pdf download करने की जरुरत नहीं पड़ेगी अगर फिर भी आपको चाहिए तो कृपया हमें ईमेल करें mastermind140@gmail.com or ilovemyhindi@gmail.com पर|

Nagetive Positive

क्या व्यवहार कुशलता द्वारा शत्रु का हृदय परिवर्तन किया जा सकता है?

“लोगों मे रूचि ले, एक अच्छा श्रोता बने” यह एक और महत्वपूर्ण बिन्दु है जिस पर लोगो को ध्यान देने की जरुरत है लोगों को ध्यान से सुने उन्हें बोलने दें कम बोले, सवाल पूछे और उन्हें बोलने दें लोगो को बोलना पसंद है इसलिए उन्हें बोलने दें याद रहे जब आप उनको बोलने देंगे और सुनेंगे तब वो आपमें रूचि लेने लगेंगे और तब आप देखेंगे की आपके वार्तालाप मे मजबूती और मिठास आने लगा जायेगा|

जब आप लोगों से बात करें तो आपका ध्यान उसके तरफ हो न की इधर-उधर हो| दूसरी बात – सवाल को बिल्ड-अप करें (उद्धहरण: अच्छा यह बात है – फिर क्या हुआ – उसने ऐसा कहा – तब तो आपको बुरा लगा होगा – तब तो आपको ऐसे लोगों से दुरी बना लेना चाहिए – अगर वो ऐसा करे तो आपको ऐसा करना चाहिए – फिर – लेकिन – कैसे – कब इत्यादि शब्दों से बातों को आगे बढाना चाहिए) इस तरफ से बातो को आगे बढ़ाते रहना चाहिए ताकि अगले को लगे की आप उसे ध्यान से सुन रहे है और उसमे दिलचस्पी ले रहे हैं| इस तरह व्यवहार कुशलता द्वारा शत्रु का भी ह्रदय परिवर्तन किया जा सकता है|

व्यवहार कुशलता के लक्षण?

Yes-No

तारीफ करना सीखे इन्सान को जिन्दा रहने के लिए रोटी, कपड़ा, मकान तो बेसिक चीज है इसके अलावा शरीर को जिंदा रखने के लिए भोजन की जरुरत होती है मन को स्वस्थ रखने के लिए अच्छे विचार की जरुरत होती है आत्मा का भोजन है परमात्मा की भक्ति है|

अगर लोग आपकी तारीफ करें तो आपको कैसा लगेगा? दूसरी तरफ आपकी बुराई करें तो कैसा लगेगा? दोनों ही परिस्थिति मे आपका प्रतिक्रिया अलग-अलग होगा| एक तरफ आप अच्छा महसूस करेंगे दूसरी तरफ उदास|

इन्सान अपनी तारीफ सुनना पसंद करता है बिल्कुल उसी तरह अगर आप अपना काम किसी से करवाना चाहते है तो आपको उसकी सच्ची तारीफ करनी ही चाहिए इसके लिए आपको चीजो को देखने का नजरिया बदलना होगा| यह बात हमेशा याद रखना जो भी बात तारीफ के लायक है उसका तारीफ तुरंत करें और तारीफ ईमानदारी के साथ करें| “लोक व्यवहार डेल कार्नेगी” पुस्तक के हम आभारी है और उनका तहे दिल से धन्यवाद|

उपरोक्त बिन्दु पर अगर आप चलते है या इनको अपने जीवन मे उतारते है तो आपकी जिंदगी बेहतरी, सफलता और प्रसन्नता की दिशा मे एक पहला कदम होगा| – राधा रमण

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निष्कर्ष

“लोक व्यवहार में कुशलता” विषय पर, जीवन में एक सफल व्यक्तित्व पाने के सारे गुण बताये गए है जिसे अपनाकर या इन सूत्रों के पालन से कोई भी आसानी से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है लोक व्यवहार सिर्फ व्यवहार-कुशलता ही नहीं सिखाता बल्कि यह जीने का कला है उपरोक्त लेख में हमने देखा शब्दों के नकारात्मक और सकारात्मक पहलुओं को कैसे हम लोक व्यवहार बुक इन हिंदी का छोटा रूप जहाँ किताब का सारे विषय (टॉपिक) को लिया गया है और उसपर यथा संभव विस्तार से बताने का प्रयास किया गया है|

उपरोक्त लेख में हमने व्यवहार कुशलता का अर्थ समझा मनुष्य का व्यवहार कैसा होना चाहिए इसके साथ व्यवहार कुशलता के लक्षण क्या-क्या होते है और कैसे व्यवहार कुशलता के द्वारा अपने शत्रुओं का ह्रदय परिवर्तन किया जा सकता है जिससे अपना भला हो और साथ ही साथ उसका नुकसान भी ना हो|

इस प्रकार हम दूसरों के जीवन को बेहतर बनाते हुए अपने जीवन को ऊपर उठा सकते है|

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