5g technology in India
संक्षिप्त परिचय
आज हमारा जीवन पूरी तरह टेक्नोलॉजी पर निर्भर हो गया है (टेक्नोलॉजी नहीं तो हमारा जीवन नहीं) टेक्नोलॉजी चाहे 5G mobile technology का हो कंप्यूटर, टेलीविजन या नए गैजेट्स का हो इनके बिना हमारा कोई भी काम नहीं चलता एक जगह से दुसरे स्थान पर जाने के लिए भी हम टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हैं जैसे कार, रेलवे, हवाई जहाज आदि तो टेक्नोलॉजी हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है|
लेकिन हम यहाँ 5G technology in India के बारे में बताने जा रहें की किस तरह 5G हमारे जीवन में परिवर्तन ला रहा है| यहाँ हम टेक्नोलॉजी के 1G 2G 3G 4G 5G (generation) के बारे विस्तार से समझेंगे|
यह 5g technology kya hai और कैसे काम करता है इसको जानेंगे इसके अलावा 5g advantages and disadvantages के बारे में भी जानेंगे|
यह टेक्नोलॉजी कैसे लोगों की जिंदगी बदल सकती है क्यों यह इतना महत्वपूर्ण है इन सब विषयों पर विस्तार से जानेंगे| भारत में “5G technology in India” December 2023 तक 90% भारत में इसका नेटवर्क मिलने लगेगा लेकिन जो सबसे अच्छी बात है वह यह की India अभी से 6G पर काम कर रहा है और 2030 तक 6G मार्केट में लोगों के लिए उपलब्ध हो जायेगा| 5G से 6G 15 गुना तेज होगा यह भविष्य की बात है फिलहाल सारी जानकारी 5G technology in hindi में ही होगा नीचे बटन पर click करके अंग्रेजी में भी पढ़ सकते है|
विस्तार से समझें
मोबाइल टेक्नोलॉजी क्या है?
What is 5G Technology?
मोबाइल टेक्नोलॉजी क्या है? इसके बारे में विस्तार से जानेंगे पहले यह जानते है क्या mobile technology wireless है?
इसका जवाब (हाँ भी हैं और ना भी)
हाँ इसलिए की मोबाइल वायरलेस है लेकिन जैसे ही मोबाइल टावर से connect होता है तो यह वायर से जुड़ जाता है|
नहीं इसलिय की यह पूरी तरह वायरलेस नहीं हैं हमारा मोबाइल वायरलेस है लेकिन पूरा ट्रांसमिशन wire से ही हो रहा है हर एक mobile tower wire से ही जुड़ा हुआ है|
आईये बिलकुल शुरुआत से जानते हैं|
टेलीफोन कैसे काम करता है?
How does phone work?
जब भी हम अपने घर में रखे डायल टेलीफोन से कोई नंबर डायल करते हैं तो फ़ोन उसको एक signal में बदल देता है और आपके घर के पास स्थित एक्सचेंज पोर्ट में चला जाता था वहाँ से इस signal को एक बड़े exchange office में भेजा जाता था वहीं से इसको दिल्ली, मुंबई या जहाँ भेजना है वहाँ भेज दिया जाता है वहाँ के बड़े exchange office से छोटे एक्सचेंज पोर्ट से होते हुए हमारे दोस्त के घर पर चला जाता है इस तरह फ़ोन काम करता है|
मोबाइल कैसे काम करता है?
How does mobile work?
जब हम अपने मोबाइल से कॉल करते हैं तो हमारा मोबाइल हमारे आवाज को एक signal में बदलकर नजदीक के टावर में भेज देता है (अब इस टावर की क्षमता इतनी नहीं होती है की यह हमारे कॉल को सीधे दिल्ली भेज दे) तो टावर क्या करता है? यह अपने optical fibre cable से अपने नजदीकी exchange office में signal भेज देता है यहाँ से इस signal को पता है कहाँ जाना है तो वह दिल्ली-मुंबई या … के mobile switching center के पास चला जाता है|
फिर यह वहाँ मौजूद लोकल टावर को सर्च करता है (मिलने पर) signal आगे भेजता है और वहाँ से आपके दोस्त के मोबाइल पर signal चला जाता है और घंटी बज जाता है|
*यहाँ एक चीज ध्यान देने की है वह यह की आपके और आपके दोस्त ही सिर्फ वायरलेस हैं बीच में यह वायर से बात हो रहा है|
पुलिस भी इसी तरह आपके लोकेशन को खोजती है वह mobile switching center से आपका डाटा या location पता कर लेती है|
मोबाइल टावर में लगे dp की जानकारी
Explain mobile network?
भारत का “5G technology in India” के अंतर्गत भारत में मोबाइल टावर में लम्बा और गोल कई तरह के antenna (dp) लगे होते हैं सबसे पहले गोल dp की बात करते हैं full form of dp is Distribution Point सबसे पहले लम्बा और चपटा antenna इसे GSM Antenna कहते हैं यह कॉल को रिसीव करता है और भेजता है यह अपने ही एरिया के अन्दर काम करता है| दुसरे तरह का antenna गोल होता है इसको Microware Antenna कहते हैं यह तब काम करता है जब आप दुसरे state या country में कॉल कर रहें हैं यह टावर to टावर बात करता है और आपको connect करता है|
आपका मोबाइल तो टावर से वायरलेस जुड़ा जाता है लेकिन टावर पूरी तरह से cable से जुड़ा हुआ है पानी के अन्दर भी (underwater mobile wire)
धरती के नीचे-नीचे पुरे विश्व में cable का जाल बिछा है| अगर अंडमान निकोबार किसी को बात करना है तो अब क्या करें? इसके लिए चन्नई से अंडमान निकोबार के लिए समुद्र के अन्दर-अन्दर cable बिछा है जिसके मदद से हम वहाँ मौजूद टावर के मदद से अपने साथी के साथ बात कर सकते हैं या ऑस्ट्रेलिया से बात करना है तो कन्याकुमारी से ऑस्ट्रेलिया तक समुद्र के अन्दर-अन्दर wire बिछा हुआ है जिसके सहायता से हम बात कर पाते हैं इस तरह मोबाइल वायर का जाल बिछा है पूरी दुनिया में|
5g technology in India
Mobile generation in India
मोबाइल generation (साल, year) को दर्शाते हैं यानि किस सन में 1G आया नीचे स्पष्ट रूप से आप देख सकते हैं|
* 1G – 1980 – मोबाइल का शुरुआत हुआ था जिसका स्पीड 2kb/s का था मतलब हम सिर्फ बात कर सकते थे और कुछ नहीं|
* 2G – 1990 – मोबाइल टेक्नोलॉजी उठ खड़ा हुआ इसका स्पीड 64kb/s था यहाँ हम call के साथ message भी भेज सकते थे|
* 3G – 2003 – मोबाइल टेक्नोलॉजी अब भागना शुरू कर दिया था जिसका स्पीड 2mb/s हो गया इसमें आप call तो कर सकते थे message भी भेज सकते थे साथ ही साथ internet भी चला सकते थे| यहाँ से youtube का सफ़र भी चालू हुआ जिसको हम अपने मोबाइल-टैब-लैपटॉप पर चला सकते थे लेकिन इसका स्पीड काम था buffering ज्यादा होता था 3G के द्वारन ही मल्टीमीडिया हैंडसेट आना शरू हुआ|
* 4G – 2009 – में 4G टेक्नोलॉजी आने के बाद इसका जो स्पीड था वह 100mb/s हो गया यहीं से video calling चालू हुआ|
4G में काफ़ी सुधार की आवश्यकता थी इसलिए इसको दो भागो में बंटा गया पहला Lte (Long Term Evolution) इसका मतलब ही था इसमें निरंतर सुधार की आवश्यकता है| Lte का इस्तेमाल Data भेजने के लिए इस्तेमाल होता था और calling के लिए Radio frequency का इस्तेमाल किया जाता था जिससे इंटरनेट का स्पीड तो अच्छा था लेकिन call drop होने लगा यानि बात सही से नहीं हो पाता था तो इस समस्या के लिए jio ने Volte का ईजाद किया इसके अंतर्गत data के साथ voice भी भेजा दिया जाए parallel में जिससे इस समस्या का समाधान हो गया| Lte का एडवांस version Volte हो गया|
* 5G – 2022 – 1अक्टूबर को 5G का शुरुआत हुआ इसमें 1Gb/s का स्पीड मिलने लगा पुराने सब खूबियों से युक्त होने के साथ-साथ यह एक साथ कई (devices) उपकरण को चला सकता है (अपने घर के काम)- जैसे आप office से ही अपने घर के उपकरण को नियंत्रित कर सकते हैं| फ्रिज़ का दरवाजा बंद करना, घर का पंखा बंद करना, अपने कार को लॉक करना आदि यह सब काम आप अपने मोबाइल से ही कर सकते हैं (ध्यान रहें दोनों उपकरण एक दुसरे से जुड़े हो दोनों में 5g technology हो तभी यह काम करेगा)
* 6G पर रिसर्च चालू हो गया है…
सैटेलाइट फोन कैसे काम करता है?
How Satellite phone works?
सेटेलाइट फोन क्या है? हमारे mobile phone की क्षमता सिर्फ तीन से पांच किलोमीटर ही होती है उसके आगे यह टावर को नहीं पकड़ पता है लेकिन सॅटॅलाइट फ़ोन की क्षमता अद्भुत होती हैं वह सीधे सॅटॅलाइट को फ्रीक्वेंसी भेज सकता है और वहाँ से अन्य सॅटॅलाइट यूजर या मोबाइल से संपर्क कर बात कर सकता है|
satellite phone के कुछ disadvantages है जैसे इसमें बात रूक-रूक कर होता है|
दूसरा आपको बटन press करके बोलना होता है बात पूरा होने पर बटन छोड़ना होता है एक बार में एक तरफ से ही बात किया जा सकता है फिर अपनी बात समाप्ति पर over बोलते हैं यही प्रक्रिया दुसरे को भी अपनाना होता है|
सॅटॅलाइट फ़ोन को बीच में हैक किया जा सकता है| (बड़े-बड़े मशीनो द्वारा trace किया जा सकता है)
सेटेलाइट फोन की कीमत कितना होता है?- लगभग 1 lac रूपए
5G मोबाइल के रेडिएशन से इंसानों को खतरा है?
Is 5G harmful for humans and the environment?
विश्व स्वस्थ्य संगठन के हवाले से बीबीसी रिपोर्ट (ज़ोई कलाईमैन) के मुताबित 5G मोबाइल रेडिएशन का इन्सान के सेहत पर कोई असर नहीं होनेवाला है| 5G का रेडिएशन 4G के मुकाबले ज्यादा जरुर है लेकिन इतना नहीं की वह इन्सान के सेहत को नुकसान पहुँचा सकें| यह शरीर में मौजूद हमारे रोग-प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित नहीं करते|
Pros and cons of 5G health risks क्या है?- तो 5G technology in India बिलकुल सुरक्षित और इस्तेमाल करने योग्य है|
क्या 4G फोन में 5G चलेगा?
Will 5G work in 4G phone?
सन 2021-2022 के जो भी महंगे फ़ोन है लेकिन 5G सपोर्टेड नहीं है वह सब कम्पेटिबल है बस इसमें software update की जरुरत है मोबाइल कंपनियों द्वारा समय-समय पर update भेजा जाता है बस उसमे mobile bandwidth के सेटिंग में परिवर्तन लाकर 5G में convert किया जा सकता है| एक चीज आपको समझना होगा की 5G का हार्डवेयर होना जरुरी है बस कुछ software में बदलाव करने से आपका फ़ोन 5G सपोर्टेड हो जायेगा| sim भी आपको अलग से नहीं लेना होगा उसी sim पर इसको activate किया जा सकता है|
5G में 4G की अपेक्षा बैटरी का खपत ज्यादा होने वाला है|
5G प्रौद्योगिकी लाभ और चुनौतियां
5G technology benefits and challenges
- जहाँ तक “5g technology in India” का प्रश्न है तो 5g को next generation technology कहा जाता है लेकिन इसकी ख़ासियत क्या है? इसका जवाब है यह कई यूजर को एक साथ सपोर्ट करता है और यह कई डाटा को एक साथ सपोर्ट करता है|
- 4G में response time 30 मिली सेकंड का होता है और 5G में यह सिर्फ 1 मिली सेकंड का होता है|
- जो लाइव स्ट्रीमिंग होता है जैसे म्यूजिक कोन्सोर्ट या क्रिकेट मैच या फुटबॉल मैच या अन्य जो भी लाइव हो रहा होता है जहाँ लोड ज्यादा होता है उसको 4G संभाल नहीं पता लेकिन 5G बहुत अच्छे तरह से संभाल लेता है|
- 4G 6Giga hrtz frequency का इस्तेमाल करता है यह low end frequency है वहीं 5G 30से 300Giga hrtz frequency का इस्तेमाल करता है यह high end frequency है|
- 5G टेक्नोलॉजी इतना तेज है की यह ड्राईवरलेस टेक्नोलॉजी को सपोर्ट करता है 4G इसको सपोर्ट नहीं करता है| मतलब दुसरे शहर में मौजूद अपने गाड़ी को कण्ट्रोल कर सकते हैं|
- 5G के मदद से ट्राफिक को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है अस्पताल सेवा बेहतर किया जा सकता है लेकिन 4G में यह संभव नहीं था|
- एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबित अगर पुरे दिल्ली शहर को 5G network युक्त करना हो तो इसका खर्च 4-5 हजार करोड़ होने वाला है जो बहुत ज्यादा है अगर इसको पुरे भारत में लगाया जाए तो आप कल्पना कर सकते है यह खर्चा कितना बड़ा होनेवाला है|
- 4G में ~40 से 50 मिली सेकंड लेटेंसी मिलता है यह हमारे पलक झपकने से भी काम है 5G में यह ~1 से > भी कम है इसलिए यह बहुत तेज है|
5G की प्रमुख पांच बात Why is 5g important?
- लेटेंसी यानि घटना के शुरू होने और उसके समाप्त होने के बीच के समय उदहारण के लिए कंप्यूटर के बूटिंग के समय को जानना|
- टेलीमेडिसिन तेज गति से जाँच करने में संभव हो सकेगा और लोगों के जान को बचाया जा सकेगा|
- टेलिसर्जरी में हजारों किलोमीटर दूर बैठे डॉक्टर अपने मरीज का ईलाज कर सकतें है इसके लिए 5G जरुरी है|
- नेटवर्क स्लईसिंग है यह बहुत मजेदार है इसका मतलब है हर किसी को अपने हिसाब से तेज नेटवर्क मिलेगा जिस समय डॉक्टर ऑपरेशन कर रहें हैं तो उनको अलग स्पीड मिलेगा कोई गेम खेल रहा है तो उसको उसी स्पीड से नेटवर्क मिलेगा फैक्ट्री को उस हिसाब से नेटवर्क मिलेगा हर किसी को उसके जरुरत के मुताबित network data speed मिलेगा यही है नेटवर्क स्लईसिंग यानि 5G का जादू|
- स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग (smart manufacturing) जिसमें रोबोट का इस्तेमाल किया जाता है AI का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग में बड़े-बड़े मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है इसके लिए तेज और लगातार नेटवर्क की जरुरत होती है इसके लिए 5G best है|
- वर्चुअल स्पेस (Virtual space) इससे 3D पिक्चर बनाने में सहायता मिलेगा इससे कल्पना (Imagination) का सही इस्तेमाल किया जा सकेगा आँखों पर google lens पहनकर हजारों किलोमीटर दूर अपने गाड़ी को चलाया जा सकता है| घर पर बैठकर जापान के टोकियों के बिग बाजार से सामान खरीद सकेंगे और सामान आपके घर पर आ जायेगा| है न कमल!
- 6G technology आते-आते तो सब कुछ 3D और होलोग्राम में दिखने लगेगा जिसमे 1टेराबाईट का स्पीड मिलेगा जो अद्भुत होगा, अकल्पनीय होगा|
मोबाइल से जुड़ा कुछ महत्वपूर्ण जानकारी
Some interesting facts about mobile phones
- 5g नेटवर्क से क्या नुकसान है या 5g से क्या नुकसान है?- 5G नेटवर्क से किसी को कोई नुकसान नहीं है|
- विश्व में पहला मोबाइल फ़ोन कब इस्तेमाल किया गया?- सन 1983, विश्व में पहला मोबाइल फ़ोन आम लोगों द्वारा इस्तेमाल किया गया|
- 5G में edge कंप्यूटिंग का इस्तेमाल किया जाता है|
- Submarine power cable cost per km कितना आता है? तो इसका जवाब है 30k$ से 50k$ per kilometer खर्चा आता है|
- भारत में airtel द्वारा सबसे पहले 5G लाया गया है 1 अक्तूबर 2022 को माननीय श्री नरेन्द्र मोदी (प्रधानमंत्री) द्वारा इसका शुभारम्भ किया गया|
- चीन में कौन सा नेटवर्क चल रहा है?- चीन में 5G network चल रहा है|
- भारत में 5G नेटवर्क लॉन्च तिथि क्या है?- 1 October 2022
- 5g technology in India में तो लांच हो गया है लेकिन अन्य देश “5g technology countries List” – South Korea, China, United States, Spain, United Kingdom, Canada, Finland, Argentina, Bhutan, Kenya, Kazakhstan, Malaysia, Malta, Mauritius etc.
- Airtel का मालिक कौन है?– Airtel के मालिक श्री सुनील मित्तल जी द्वारा भारत का पहला 5G mobile लांच किया गया उन्होंने कहा की मैं कभी सोचा नहीं था की 5G technology भारत में बनेगा और पुरे हिंदुस्तान में विस्तार लेगा लेकिन यह संभव हुआ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा make in India के तहत|
निष्कर्ष
5g टेक्नोलॉजी क्या है? और यह कैसे लोगों के जीवन की दिशा और दशा दोनों को बदल रहा है| 5g technology in india का जहाँ तक सवाल है तो यह निश्चित रूप से भारत के लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने में मदतगार साबित हो रहा है|
आज हम हर काम में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहें है एक सामान्य नागरिक भी मोबाइल के बिना जीवन की कल्पना नहीं कर सकता है एक विद्यार्थी मोबाइल और टैब के मदद से अपने विषय को और अच्छे ढंग से समझ सकता है ग्रुप चैट पर अपनी समस्या का समाधान ले सकता है| इसलिए मोबाइल हमारे जीवन का एक अंग बन गया है|
उपरोक्त लेख में हमने देखा 5g तकनीक क्या है? और यह कैसे काम करता है| 5जी के फायदे और नुकसान पर भी विस्तार से चर्चा किया 5g technology definition के बारे में जाना और आगे आनेवाले दिनों में मोबाइल नेटवर्क टेक्नोलॉजी कितने तेजी से आगे बढ़ेगी इसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता क्योंकि टेक्नोलॉजी में हर दिन नई-नई क्रांति हो रहे हैं|
5G network in India पर अधिक जानकारी के लिए 5g technology Wikipedia पर जा सकते हैं|