राधा रमण
वृन्दावन Vrindavan
संक्षिप्त परिचय
Radha Raman temple के बारे सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया गया है बांके बिहारी के बारे में बताया गया है वृन्दावन वह स्थान है जहाँ कृष्ण की लीला हुई थी उस स्थान का जानकारी दिया गया है यानि आदिकाल से लेकर वर्तमान तक सम्पूर्ण जानकारी दिया गया है|
हमारा विश्वास है जैसे-जैसे आप आगे पढ़ते जायेंगे आप राधा रमण वृन्दावन के रहस्य को समझते जायेंगे यह लेख पुराने ग्रंथो के अध्ययन और इसके इतिहास को सही ढंग से समझकर पाठकों के सुविधा के लिए संक्षेप में बताया गया है ताकि कम शब्दों में ज्यादा जानकारी आपको प्राप्त हो सकें|
विस्तार से जाने
वृन्दावन रमण रमण जी (Radha raman) यानि श्रीकृष्ण और राधा का विहार-स्थल है वृन्दावन ही वह स्थान है जहाँ श्रीकृष्ण ने अपनी बांसुरी की तान से गोपियों के साथ लीला की थी यमुना में स्नान के द्वारन श्रीकृष्ण द्वारा गोपियों के साथ लीला भी इसी स्थान पर किया करते थे यही वह जगह है जहाँ श्रीकृष्ण और राधा का प्रेम कथा प्रचलित है और उनसे जुड़े 4000 से भी ज्यादा मंदिर इस बात का प्रमाण है|
राधा रमण मंदिर (Radha Raman Temple)
राधा रमण जी Radha Raman का यह मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वृन्दावन शहर में स्थित है मथुरा से मात्र 15 किलोमीटर की दूरी पर बसा एक खुबसूरत शहर यह एक आधुनिक काल का हिन्दू मंदिर है जो राधा रमण जी Radha Raman को समर्पित है और इस मंदिर का निर्माण सन 1542 ई० में श्री गोपाल भट्ट गोस्वामी द्वारा किया गया था यह मंदिर भव्य और विशाल है इस मंदिर में श्री राधावल्लभजी श्री गोविन्द व् अन्य भगवान की मूर्तियाँ उपस्थित है|
मंदिर का आकर्षण देखने लायक है यह मंदिर अपने समय का उत्कृष्ट कला का उदहारण है आज Radha Raman temple Vrindavan मंदिर को देखने पुरे दुनिया से लोग आतें है और उनके अनुयायी है लोग यहाँ आकर हमेशा के लिए उनके प्रति समर्पित हो जाते है तन-मन-धन से उनकी सेवा करते है और अपना पूरा जीवन radha raman ji के लिए समर्पित कर देते है|
राधा रमण मंदिर कैसे जायें
How to reach Radha Raman Temple
Radha Raman temple जाने के लिए तीनों मार्ग उपलब्ध है सबसे पहले बात हवाई मार्ग की करते है मथुरा के लिए अभी तक (सन 2022 तक) कोई हवाईअड्डे का निर्माण नहीं हुआ है यहाँ आने के लिए आप आगरा एअरपोर्ट उतर कर टैक्सी द्वारा यहाँ आ सकते हैं यहाँ से मथुरा की दूरी मात्र 60 किलोमीटर है विदेशीयों के लिए आप इंदिरा गाँधी इंटरनेशनल एअरपोर्ट दिल्ली पहुँचे वहाँ से मथुरा की दूरी 170 km है जिसको बस, टैक्सी, ट्रेन के द्वारा सफ़र को पूरा किया जा सकता है|
दूसरा तरीका है भारतीय रेलमार्ग के जरिये भी जाया जा सकता है यहाँ पर हर जगह से रेल सेवा उपलब्ध है मुंबई, दल्ली, इंदौर, भोपाल, वाराणसी, लखनऊ, कोलकाता आदि जगहों से रेलमार्ग जुड़ा है अतः इनका इस्तेमाल किया जा सकता है|
और तीसरा तरीका है सड़क मार्ग सड़क मार्ग हालांकि थोडा अधिक समय लेता है लेकिन यह मार्ग भारत के हर शहर, हर राज्य, हर छोटे-बड़े नगर-कस्बे से जुड़ा है आप कन्याकुमारी, कश्मीर, असम, तमिलनाडु, केरल, राजस्थान आदि किसी भी स्थान से बड़े ही आसानी से पहुँच सकते है|
वृन्दावन महत्व
वृन्दावन को “ब्रज का ह्रदय” भी कहा जाता है यह एक ऐसा स्थान है जहाँ श्री कृष्ण अपनी गोपियों संग दिव्य लीलायें की थे जहाँ श्री कृष्ण अपने सोलह कलाओं का छोटा सा रूप दिखाया था राधारमण अर्थ क्या है? तो इसका अर्थ है राधा से रमण करने वाला अर्थात् श्री कृष्ण|
भगवान श्री कृष्ण शरीररूप में रहते हुए पूर्ण ब्रह्म का साक्षात् किया यह स्थान चैतन्य महाप्रभु, महर्षि दयानंद, महाप्रभु वर्लाभाचार्य, गोपाल भट्ट गोस्वामी आदि महान आत्माओं के आगमन से प्रसिद्ध और विख्यात हुआ इसलिए यह एक महत्वपूर्ण स्थानों में से एक है|
राधा रमन इतिहास
radha raman history
जब हम राधा रमन इतिहास की बात करते है तो “Radha Raman temple story” भी बताते चले बात लगभग पांच सो वर्ष पुरानी है गोपाल भट्ट गोस्वामी चैतन्य महाप्रभु की देखभाल करने के लिए उनकी सेवा में पूरी तरह समर्पित थे आगे चलके उन्होंने दीक्षा ली तत्पश्चात वह राधा कृष्ण की लीलाओं के छुपे हुए स्थानों का खोज किया और बहुत से काव्य, भक्ति रस, भक्ति विलास, कृष्ण वल्लभ, कृष्ण कर्णमृत आदि ग्रंथों का निर्माण किया| भगवान श्री कृष्ण द्वारा हजारों वर्षों पूर्व में किया गया रास लीला को खोजने का श्रेय गोपाल भट्ट गोस्वामी को ही जाता है|
एक दिन गोपाल भट्ट जी को स्वप्न आया की उनको गंडकी नदी जाना चाहिए जहाँ उन्हें बारह शालिग्राम की शिलायें प्राप्त होगी उसी में राधा रमण (radha raman) निवास करेंगे उस शिला की पूजा करना मतलब मेरा पूजा करना इसी से राधा रमण जी की मूर्ति बनाई गई साथ ही सिंहासन भी बनाया गया इसके साथ यह भी ऐलान किया गया जो गोस्वामी इस मंदिर का गुरु होने के योग्य होगा उसे गुरु के रूप में बनाया जाए ऐसा चैतन्य महाप्रभु का आदेश था और आज भी यह परंपरा चला आ रहा है यही “राधा रमन मंदिर रहस्य” है|
श्री कृष्ण का जीवन परिचय
भगवान श्री कृष्ण के बारे में बहुत सी गलत धरना है लेकिन हमें यह समझना होगा की कृष्ण सिर्फ 6 या 8 वर्ष तक ही मक्खन चुराया करते थे 16 वर्ष के आयु में उनके गुरु महर्षि सांदीपनि ने उनको याद दिलाया की उनके जीवन का उद्देश्य क्या है वह तुरंत वृन्दावन छोड़कर चले गए अपने जीवन का उद्देश्य पूर्ण करने|
भगवान श्री कृष्ण राधे को आखिरी बार सोलह साल के उम्र में अंतिम बार देखा फिर कभी नहीं देखे लेकिन 16 वर्ष के पहले का जो उनका प्रेम था वह अद्भुत था जाने से पहले श्री कृष्ण ने राधे से कहा यह बांसुरी लो अब मैं कभी बांसुरी नहीं बजाऊंगा और वह देकर चले गए फिर कभी वापस नहीं आये|
16 से 21 वर्ष तक श्री कृष्ण ब्रह्मचर्य का पालन किया और जबरदस्त साधना किया इसके बाद उनका जीवन समाज के प्रति पूरी तरह समर्पित था उन्होंने भारत के उत्तरी मैदानों में एक हजार से ज्यादा आश्रम बनाये|
श्री कृष्ण चाहते थे की आध्यात्मिक प्रक्रिया कोई अलग चीज न रहें बल्कि जीवन का हिस्सा बन जायें उनके हिसाब से आध्यात्म जीवन का एक हिस्सा है जिस प्रकार हम रोज नहाते है ब्रश करते है उसी प्रकार ध्यान भी जीवन का एक क्रिया बन जाए लोगों के जीवन में| जिसको जरुर करना चाहिए श्री कृष्ण लोगों को जीवन के प्रति समर्पित होकर जीवन जीने के कला सिखाना चाहते थे|
लेकिन आम लोग सोचते थे कृष्ण बांसुरी बजाते थे नहाते समय गोपियों के कपड़े चुराते थे माखन चोरी करते थे जबकि ऐसा कुछ भी नहीं था|
कृष्ण लीला
कृष्ण अपने राश लीला शब्द के लिए जाने जाते थे राश शब्द का अर्थ होता है “जोश” जो जीवन के प्रति आनंद से भरपूर होते थे उनको रास कहा जाता था| यानि एक ऐसा पार्टी जिसमे जीवन का आनंद हो न की शराबी-कबाबी हो एक ऐसा पर्व जिसमे जीवन उत्सव के रूप में मनाया जाए जहाँ सकारात्मक उर्जा का बहाव हो वह है रास लीला तो यह थी कृष्ण लीला वृंदावन की जिसको राधा कृष्ण की लीला कहा जाता था|
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Jai Jai Radha Raman Hari Bol Devi Chitralekha
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Jai Jai Radha Raman Hari Bol – Saumya Upadhyay
1- कृष्णा-दम-मरो-दम-हरे-कृष्णा-हरे-राम (DJ)
2- हरे कृष्णा (DJ)
3- हरे कृष्णा हरे राम धूम (DJ)
4- होली खेले रघुवीरा अवध में (DJ)
5- कृष्णा जन्माष्टमी (DJ)
6- राधा बंसी बजाके (DJ)
7- श्री कृष्णा गोविन्द धुन
8- श्री राधे गोविंदा
9- आरती कुञ्ज बिहारी की
10- हरे कृष्णा
11- श्री कृष्णा गोविन्द
निष्कर्ष
Radha raman जो मथुरा में स्थित है यह स्थान मंदिरों और उत्कृष्ट कलाओं का जीता जगाता उदाहरण है जिसको देखने सिर्फ देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं यहाँ बहुत से मंदिर और आश्रम हैं जहाँ लोग आकर रुकते हैं राधा कृष्ण की लीला देखते हैं होली के पर्व पर विशेष कार्यक्रम किया जाता है यहाँ की लठमार होली बहुत ही प्रसिद्ध है यहाँ विधाश्रम हैं जहाँ बूढ़े लोग अपनी बाकि की जिंदगी चैन से बिता सकें|
इस स्थान का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योंकि यहाँ चैतन्य महाप्रभु, महर्षि दयानंद सरस्वती आदि महान आत्माओं का आगमन हुआ था|
राधा रमण के इतिहास के बारे में कहा जाता है की यह स्थान गोपाल भट्ट गोस्वामी से जुड़ा है इसके बारे में विस्तार से उनकी पूरी जीवनी हमने उपरोक्त लेख में वर्णन किया है|