ISRO RH-560

ISRO RH-560

Sounding-Rocket-RH560
ISRO Sounding-Rocket-RH560-2

इसरो ने लॉंच किया साउंडिंग रॉकट RH-560 जो हवाओं में होनेवाले बदलाव का परीक्षण करेगा

Vehicle

RH-200

RH-300 MK-II

RH-560 MK-III

Payload (Kg)

10.5

70

100

Altitude (Km)

75

120

550

Purpose

Meterology

Middle Atmospheric Studies

Upper Atmospheric Studies

Launch Pad

Thumba

Thumba/SDSC-SHAR

SDSC-SHAR

साउंडिंग रॉकेट RH-560

12/03/2021 Friday रात को 

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से साउंडिंग रॉकेट RH-560 को लांच किया है। जो की एक नयी उपलब्धि है|

इसरो द्वारा लॉन्च किये गये इस रॉकेट से न्यूट्रल विंड और प्लाज्मा के गतिशीलता का अध्यन करना व् उसमे व्यवहारिक भिन्नताओं का अध्ययन करना है।

Sounding-Rocket-RH560

ISRO ने अपने आधिकारिक तौर पर यह जानकारी दी है उन्होंने कहा है की श्रीहरिकोटा रेंज (SHAR) में आज तटस्थ हवाओं न्यूट्रल विंड और प्लाज्मा डायनामिक्स में एटिट्यूडिनल वेरिएशन का सम्पूर्ण जानकारी हासिल करने के लिए साउंडिंग रॉकेट RH-560 को लांच किया गया।

ISRO launches sounding rocket RH-560

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अनुसार पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल क्षेत्रों की जांच के लिए इसका निर्माण किया गया है और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए इस्तेमाल किए जाने एक या दो चरण वाले ठोस रॉकेट है। इसरो ने कहा कि वे लांच किए गए राकेट वाहनों और उपग्रहों में उपयोग के लिए नये- नये घटकों या उप-प्रणालियों के प्रोटोटाइप का परीक्षण करने के लिए बनाया गया है साथ ही साथ यह सुनिश्चित करने के लिए की इसमें आसानी से इस प्लेटफ़ॉर्म पर काम किया जा सके|

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 1965 से ही पूर्ण रूप में भारत में निर्मित रॉकेट को  लांच करना शुरू कर दिया था और इसके बाद उन्होंने इस प्रौद्योगिकी विज्ञान पर अपने गहन अध्यन और जबरदस्त मेहनत के बल पर और अपने अनुभवों के साथ बहुत अधिक महारत हासिल किया है|

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुताबित अब चूँकि हम इसमें महारत हासिल कर चुके है तो इसका व्यावसायिक करण किया जा रहा है इसके अंतर्गत अब इसका विस्तार किया जायेगा और इसके काम के दायरे को बढ़ाया जायेगा जिसके लिए नई भर्तियाँ की जायेगी अधिक से अधिक लोगों को नियुक्त किया जायेगा जिससे इसरो का रेवेनु बढ़ाया जा सके लेकिन इसके पहले इस सेटअप को करने के लिए ISRO को अगले पांच साल में करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। इस दौरान उसे करीब 300 नयी भर्तियाँ भर्तियों की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा की कंपनी इक्विटी और कर्ज के जरिये सालाना 2,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखी है|

ISRO sounding rocket

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मुताबित अब चूँकि हम इसमें महारत हासिल कर चुके है तो इसका व्यावसायिक करण किया जा रहा है इसके अंतर्गत अब इसका विस्तार किया जायेगा और इसके काम के दायरे को बढ़ाया जायेगा जिसके लिए नई भर्तियाँ की जायेगी अधिक से अधिक लोगों को नियुक्त किया जायेगा जिससे इसरो का रेवेनु बढ़ाया जा सके लेकिन इसके पहले इस सेटअप को करने के लिए ISRO को अगले पांच साल में करीब 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। इस दौरान उसे करीब 300 नयी भर्तियाँ भर्तियों की जरूरत पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा की कंपनी इक्विटी और कर्ज के जरिये सालाना 2,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखी है|

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