विपश्यना क्या है?

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विपश्यना ध्यान जीवन जीने का एक सही तरीका है

विपश्यना-क्या-है

विपश्यना ध्यान जीवन जीने का एक सही तरीका है

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संक्षिप्त परिचय

विपश्यना ध्यान जीवन जीने का एक सही तरीका है- विपश्यना क्या है? यह कैसे शुरू हुआ? कौन इसको शुरू किया और यह क्या पद्धति है? यह कैसे मानसिक रोग से पीड़ित लोगों के लिए वरदान साबित हो सकता है| इसके अलावा विपश्यना के पांच सिद्धांत मूल सिद्धांत क्या है इन सब प्रश्नों को विस्तार से जानेंगे और समझेंगे|  

जैसे-जैसे आप विपश्यना को पढ़ते जायेंगे इसको समझते जायेंगे इससे आपका कल्याण होता जायेगा| यह एक गूढ़ रहस्य है वेदों में वर्णित “विपश्यना” शब्द को किसी ने भी सही ढंग से नहीं समझा भगवान गौतम बुद्ध 2500 वर्ष पूर्व इस विद्या को अपने अनुभव से समझे और दुनिया को बताया तब से यह विद्या गुरु-शिष्य परम्परा के तहत आज तक जीवित है भारत से तो लुप्त हो चूका था लेकिन म्यांमार में गुरु-शिष्य परम्परा के तहत यह विद्या जीवित रह पाया फिर भारत के महापुरुष आचार्य श्री गोयनका जी द्वारा यह विद्या भारत आया और यहाँ से पूरे विश्व में फैल गया|

श्री गोयनकाजी ने सर्वप्रथम लोगों को विपश्यना साधना से परिचय कराया आनापानसति ध्यान योग यह बतलाया विपश्यना के चमत्कारिक ध्यान विधि के बारे में विस्तार से लोगों को बताया इस ध्यान विधि को कब करें (विपस्सना ध्यान) और विपश्यना का लाभ को समझाया|

इन जानकारी को गहन शोध के द्वारा पाठकों के सामने प्रस्तुत किया जा रहा है अगर आप भी इस विद्या को अपने जीवन में अपनाते है तो निश्चित रूप से आप अपने अन्दर परिवर्तन देखेंगे अपने अन्दर असीम शांति का अनुभव भी करेंगे नियमित अभ्यास से जीवन किसी चमत्कार से काम नहीं होगा नित नए अनुभव होने लगेंगे और आप अपने आप को धन्य समझेंगे|

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विस्तार से समझें

विपश्यना क्या है

  • विपश्यना का अभ्यास करने से दुखो का अंत होता है|
  • यह मुक्ति की साधन है|
  • विपश्यना हमारे मन को निर्मल करने की विधि है|
  • यह जीवन के उतार-चढ़ाव में संतुलन लाता है|
  • विपश्यना जीवन जीने की कला है इसके नियमित अभ्यास से हम मन, मस्तिष्क और शरीर में संतुलन ला सकते है|
  • विपश्यना आत्मनिरीक्षण की एक प्रभावकारी विधि है|

विपश्यना क्या नहीं है

  • विपश्यना अंधश्रद्धा नहीं है|
  • विपश्यना कोई कर्मकांड नहीं है|
  • विपस्सना साधना मनोरंजन के लिए नहीं है|
  • यह कोई सामाजिक आदान-प्रदान की वस्तु नहीं है|
  • इससे मजाक किसी भी सूरत में नहीं किया जा सकता है|

विपश्यना शब्द कहाँ से आया आइए शुरू से शुरुआत करते हैं

गौतम बुद्ध का जीवन परिचय

आज से करीब 2500 वर्ष पूर्व भगवान गौतम बुद्ध का जन्म हुआ था

  • गौतम बुद्ध का वास्तविक नाम क्या था? उनका वास्तविक नाम सिद्धार्थ गौतम था|
  • गौतम बुद्ध का जन्म स्थल लुम्बिनी नेपाल में हुआ था
  • जीवनसाथी यानी पत्नी का नाम श्रीमती राजकुमारी यशोधरा था
  • उनके पुत्र का नाम राहुला था
  • उनके पिता श्री शुद्धोधन और माता का नाम श्रीमती माया देवी था |
  • भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे
  • भगवान बुद्ध वर्षों के कठोर साधना के बाद बिहार राज्य के बोध-गया के बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वह भगवान बुद्ध बने|
What-is-Vipassana-विपश्यना-क्या-है

गौतम बुद्ध का जीवन परिचय 

उनकी मौसी गौतमी ने पालन-पोषण किया क्योंकि भगवान के जन्म के 7 दिन बाद ही उनकी माँ का देहांत हो गया था इसलिए उन्होंने ही गौतम बुद्ध को पाल-पोसकर बड़ा किया उनका गोत्र गौतम था और वह एक क्षत्रिय कुल के शाक्य वंश में जन्मे थे उनका 16 वर्ष की उम्र में दण्ड पाणी शाक्य की कन्या यशोधरा के साथ विवाह हुआ था|

Buddh Amritvani mp3

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Sleeping-and-talking-Buddha

भगवान बुद्ध की मृत्यु कैसे हुई?

भगवान बुद्ध का जन्म शाक्य वंश के राजा शुददोधन की रानी महामाया के घर बसे लुम्बिनी में वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ था| शाक्य गणराज्य की राजधानी कपिलवस्तु थी और उनके पिता शाक्यों के राजा शुददोधन थे भगवान बुद्ध को शाक्य मुनि भी कहते है| सिद्धार्थ की माँ मायादेवी उनके जन्म के कुछ देर बाद मर गयी थी| एक दिन उनके दरबार में एक साधु आये उन्होंने सिद्धार्थ गौतम को देख कर यह भविष्यवाणी कि की वह या तो एक महान राजा बनेंगे या एक महान साधु उनको 35 वर्ष की आयु में ज्ञान प्राप्त हो गया था ज्ञान प्राप्ति के बाद तपस्सु और काल्लिक नामक दो क्षुद्र उनके पास आये और भगवान बुद्ध ने उनको ज्ञान दिया और बौद्ध धर्म का प्रथम शिष्य बनाया|

गौतम बुद्ध की मृत्यु 483 ई० पूर्व कुशीनारा में हुई थी उस समय उनकी उम्र 80 वर्ष की थी बौद्ध धर्म के अनुयाई इसे महापरिनिर्माण कहते थे भगवान बुद्ध के अंतिम शब्द क्या थे? उन्होंने कहा तुम्हारे जितने भी संस्कार है सब नाश होने वाले है प्रमाद रहित होकर अपना कल्याण करों|

बौद्ध धर्म, बौद्ध ग्रन्थ और महा परिनिर्माण सूक्त में पाली भाषा में उल्लिखित है वैशाली के पास बेलग्राम में वर्षावास किया यहाँ वो बीमार ओ गये फिर स्वस्थ होने पर अम्म्भ ग्राम, भंड ग्राम, जम्मू नगर, भोग नगर होते हुए पावा नामक ग्राम पहुँचे चुन्द्र कुमार नामक लोहार के यहाँ पहुँचे|

उसके आमों के बाग़ में ठहरे उसने खाने में उन्हें मीठे चावल रोटी और काली मशरूम का सब्जी दिया उन्होंने चावल और रोटी तो दूसरों को दे दिया लेकिन मद्दव कोई पचा नहीं सकेगा क्योंकि यह जहरीला सब्जी है इसलिए खुद थोड़ा सा खाये बाकी जमीन में गडवा दिया इसको खाने के बाद ही उनकी तबीयत ख़राब होने लगी और फिर उनकी मृत्यु हो गई|

Mahaparinirman-Buddha-death

New encyclopedia, britannica encyclopedia और marcopedia में उल्लिखित है की खाना खाने के कारण उनके पेट में दर्द शुरू हो गया फिर बुद्ध खुशीमारा चल दिये रास्ते में उन्होंने थोड़ा विश्राम किए आनंद कुकुथा नदी से पानी ला के दिए उन्होंने उस पानी से खूब स्नान किया हिरन्यवती नदी पार करने के बाद कुशीमारा पहुँचे यहाँ आने के बाद उन्होंने कहा मेरा जन्म पीपल के वृक्ष के नीचे हुआ था और मेरा मृत्यु भी पीपल के वृक्ष के नीचे ही होगा मेरा अंतिम समय आ गया है उन्होंने आनंद को बुला के कहा मेरे मरने के बाद मुझे गुरु मान के मत चलना|

बुद्ध के मृत्यु के बाद उनके पुत्र राहुल भी भिछुक हो गये थे लेकिन उन्होंने अपने पुत्र को कोई महत्व नहीं दिया उनकी पत्नीं भी अंतिम समय तक उनकी शिष्य नहीं बनी थी भगवान बुद्ध के महापारीनिर्माण यानि मृत्यु के 6 दिन तक लोग उनके दर्शन को आते रहें 7वें दिन उनको जलाया गया|

उनके अवशेषों पर मगध के राजा आजाद शत्रु, कपिलवस्तु के शाक्यों, वैशाली के राजा विच्छ विदोद में आपस में उनके अवशेष को लेने पर भयंकर झगड़ा हुआ तब इस पर द्रोंड नामक ब्राम्हण ने समझोता कराया अवशेष को आठ भागों में बाँट लिए जायें फिर ऐसा ही हुआ आठ राज्यों में उनके अवशेष रखे गये| आगे चलके जब सम्राट अशोक का राज्य आया तो उन्होंने सारे अवशेष को निकलकर 84 हजार स्तूपों में बाँट दिया|

बौद्ध धर्म सिद्धांत

विपश्यना क्या है?

विपश्यना क्या है? विपश्यना का महत्व

विपश्यना एक विज्ञानिक तकनीक है अपने आपको जानने का भगवान गौतम बुद्ध विपस्सना के जनक थे और आचार्य श्री गोयंकाजी विपश्यना के प्रचारक थे उन्ही के शुभ हाथों से आज पुरे विश्व में विपश्यना का प्रचार-प्रसार हुआ और सैकड़ो-करोड़ो और असंख्य लोगों को इसका लाभ प्राप्त हुआ और हो रहा है भगवान बुद्ध मानव जाति को मोक्ष दिलाना चाहते थे आगे ओर गहराई से समझेंगे विपश्यना क्या है|

विपश्यना हमारे विकारों को ख़त्म करने का काम करता है|

Photo of Vipassana Guru

विपश्यना की खोज कैसे हुई?

अपने तपस्या काल में उन्होंने बहुत से ऋषियों के पास जाकर तपस्या किया लेकिन भी विधि से वह मोक्ष का रास्ता नहीं नहीं ढूंढ पा रहे थे निरंतर तपस्या से उनका शरीर जर्जर होता जा रहा था| फिर उन्होंने सोचा ऐसे तो वह बहुत कमजोर हो जायेंगे और अपने लक्ष्य को कभी प्राप्त नहीं कर पाएंगे फिर वह थक हार कर बरगद के पेड़ की नीचे पालथी मार के बैठ गए और जमीन, आसमान, दिशाओं को साक्षी मान के कहा अब आप लोग साक्षी है मैं तब तक अपनी तपस्या से नहीं उठूँगा जबतक की मुझे मोक्ष का रास्ता न मिल जाये फिर कई दिनों के तपस्या के बाद आकाशवाणी होता है और उन्हें मोक्ष (अष्टांग मार्ग) का रास्ता खोज निकला उन्होंने सत्य और ज्ञान का मार्ग खोज लिया है| यही विपश्यना था इस प्रकार उन्होंने को खोज निकला|

त्रिरत्न और अष्टांगिक मार्ग क्या है?

भगवान बुद्ध ने चार शाश्वत सत्य के बारे मैं विश्व को बताया उन्होंने आगे कहा इस संसार में केवल दुःख है दुख के पीछे कई कारण है उसके परिणाम भी मेरे त्रिरत्न या अष्टांग मार्ग से उस पर विजय प्राप्त की जा सकती है अर्थात् निर्माण यानी बन्धनों से मुक्ति अज्ञान के बंधनों और कर्मों का विनाश| जीव आत्मा जिसे मैं उदगल कहता हूँ पंच तत्वों का मिश्रण है रूप, वेदना, संज्ञा, संस्कार और विज्ञान है इन सबका मिश्रण अहंकार है जो अलग-अलग जन्मो में अलग-अलग शरीरों मैं जन्म लेता है इससे मुक्ति ही निर्माण है इसी को मोक्ष या मुक्ति कहते है|

Buddham Saranam Gacchami Mp3

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बौद्ध संत सयागयी उ बा खिन का संक्षिप्त परिचय

आज से करीब 2500 वर्ष पहले भगवान बुद्ध के द्वारा बताये इस अद्भुत साधना पद्धति को भारत में प्रायः लुप्त हो गयी थी सिर्फ बर्मा ही एक मात्र ऐसा देश था जो इस साधना पद्धति को जैसा था वैसा उसी रूप में बचा के रखा हुआ था पढ़ी दर पढ़ी गुरु-शिष्य पद्धति द्वारा चला आ रहा था  है। बर्मा देश में एक बौद्ध संत सयागयी उ बा खिन उसे जीवित रखे हुए थे। गुरु-शिष्य परम्परा द्वारा|

Vipassana-Goyenka-Guru-Sayagyi-U-Ba-Khin

सत्यनारायण गोयनका का परिचय

Aacharya-Satya-Narayanan-Goenka-आचार्य-सत्य-नारायण-गोयनका

सत्यनारायण गोयनका जी का जन्म 30 जनवरी 1924 को बर्मा जो की इस समय म्याम्यार एक मारवाड़ी (बनिया) समुदाय में हुआ था वो एक सफल व्यापारी थे 30 वर्ष के उम्र में उनको भयंकर सिरदर्द हुआ जो आगे चल के अधकपारी यानी आधासीसी नामक सिरदर्द के शिकार हो गए|

एक दिन आचार्य श्री सत्य नारायण गोएंकाजी को उनके एक मित्र ने उनके असहनीय आधासीसी सिरदर्द (मईग्रेन) से झुटकारा पाने के लिए 10 दिन का विपस्सना शिविर जाने का सलाह दिया क्योंकि इसके पहले वह अपने इस बीमारी के इलाज के लिए अमेरिका, जापान, इंग्लैंड जा चुके है लेकिन कोई सुधार या लाभ नहीं मिला था इसलिए उन्होंने सोचा इसको भी देख लिया जाये|

गुरूजी 10 दिन विपस्सना ध्यान शिविर जाने का फैसला कर लिए 10 दिनों के भीतर ही उनके अन्दर परिवर्तन दिखने लगा ओर उनके शरीर में धीरे-धीरे सुधार आने लगा चित में अपूर्व शांति आ गई और वह स्वस्थ होने लगे इससे उनके अन्दर विपस्सना के प्रति गहरी रुचि जागी इसके बाद उन्होंने अपने व्यापार आदि को तिलांजलि दे दी और विपश्यना साधना-पद्धति को पुनर्जीवित करने का संकल्प कर लिया अपनी पत्नी के साथ वे 14 वर्ष तक रंगून में ही विपश्यना का अभ्यास करते रहे और फिर 1969 में भारत आ गए।

satyanarayan goenka and mataji

विपश्यना साधना पद्धति किस दर्शन के अंतर्गत वर्णित है

आचार्य श्री सत्यनारायण गोयनका जी बर्मा में बनिया वर्ग में जन्मे एक सफल व्यापारी थे अपने सारे व्यापार को छोड़कर अपने गुरु बौद्ध संत श्री सयागयी उ बा खिन के आदेश पर भारत आ गये उनका कहना था यह विद्या भारत का ऋण है अब इसे चुकाने का समय आ गया है आप जाइए और भारत के साथ पूरे विश्व में इस विद्या का प्रचार-प्रसार करिए जिससे सबका कल्याण हो |

Vipassana Meditation Disadvantages

अब तक के इतिहास में विपस्सना मैडिटेशन के नुकसान या साइड इफ़ेक्ट के बारे में कभी भी कुछ भी नहीं सुना गया क्योंकि इसमें कुछ करना नहीं होता है बस देखना होता है इसलिए नुकसान का सवाल ही नहीं उठता है लगातार बैठने से पीठ में दर्द हो सकता है लेकिन अन्य किसी प्रकार का दर्द नहीं होता आधे घंटे के मैडिटेशन के बाद पांच मिनट का आराम ले लें दर्द ख़त्म हो जाता है|

How to do Vipassana Meditation at home

घर में विपस्सना मैडिटेशन कैसे करें इसके लिए कुछ तैयारी करनी पड़ेगी जैसे जिस जगह ध्यान करना है उसके कुछ नियम है:

  • ध्यान करने के जगह को साफ-सुथरा रखे
  • पर्याप्त हवा का आवागमन रहें
  • किसी भी प्रकार का शोरगुल न हो
  • मोबाइल आदि उपकरण को बंद रखें

Vipassana Meditation for beginners

नए साधक जो विपस्सना मैडिटेशन करना चाहते है उनके लिए यह बहुत ही लाभदायक होता है शुरू में थोड़ा परेशानी होती है जैसे मन भटकता है, बैठने में समस्या आती है, पीठ दर्द करना, पैर दर्द करना, मन शांत न रहना आदि लेकिन जैसे-जैसे आप ध्यान करते जाते है आपका मन शांत होता जाता है शारीरिक समस्या भी दूर होती जाती है और आप स्थिर हो जाते है

शुरू मैं साधक को साँस पर ही ध्यान केन्द्रित करना चाहिए क्योंकि यह सरल और स्वाभाविक और प्राकृतिक रूप से होता है इसलिए इस पर ही ध्यान केन्द्रित करें|

What-is-Vipassana-Global-Pagoda-Hall-Mumbai

Vipassana Advantages and Disadvantages

विपश्यना क्या है? Advantages

  • ध्यान से काफ़ी समस्या का समाधान हो जाता है
  • मन एक दिशा में केन्द्रित होता है
  • बे फिजूल के झगड़े में नहीं फँसते है
  • आपका फोकस अपनी समस्या के समाधान पर रहता है
  • एकाग्रता में जबरदस्त इजाफ़ा होता है
  • सारे शरीर में रक्त संचार होने लगता है
  • मन तनाव मुक्त हो जाता है
  • हर जगह खुशहाली-प्रसन्न आने लगाती है
  • हर काम शांति से होने लगता है
  • आत्मविश्वास में वृद्धि आदि …

विपश्यना क्या है? Disadvantages

  • पैर दुखना
  • रीड की हड्डी में झुक जाने से दर्द
  • बैठने में परेशानी
  • मन का शांत न होना
  • ध्यान भटकना आदि …

विपश्यना का भारत में आगमन

Vipassana Center Igatpuri

आचार्यजी सन 1969 से विपस्सना ध्यान सिखाने लगे बिलकुल मुफ्त में लोगों को, उन्होंने भारत में पहला धम्म गिरी मैडिटेशन सेण्टर सन 1976 इगतपुरी नासिक में पहला ध्यान केंद्र की स्थापना की ओर तब से लगातार देश-विदेश में अन्य स्थानों में इसी तरह का धम्म गिरी का निर्माण आज भी कराया जा रहा है जिससे अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिलता रहे और लोग सत्य को जान सके या अपने अन्दर की यात्रा कर सके|

विपश्यना का अर्थ

विपश्यना का अर्थ?

अब सवाल उठता है की यह साधना क्या है? विपश्यना क्या है?

यह एक संस्कृत शब्द है|

संस्कृत शब्द विपश्यना >  विः + पश्यना अर्थात विशेष रूप से देखना |

पाली में विपस्सना | पस्सति अर्थात देखता है|

धम्म का अर्थ क्या है?

आज से 2500 वर्ष पहले धर्म को धम्म बोला जाता था और जो भाषा बोला जाता था वह था “पाली”|

पाली भाषा में धम्म का मतलब है ‘धारण करना’ जो धारण करें वह धर्म| आज धर्म को दो भागो में समझा जा सकता है एक आध्यात्मिकता के नज़र से और दूसरा विज्ञान के नज़र से|

ग्रंथों और पुराणों के अनुसार धर्म आत्मा और परमात्मा पर आधारित है और उसमे विश्वास करना सिखाता है वहीं भगवान बुद्ध के मुताबिक धर्म को सर्व मंगलकारी माना गया है जिसका सीधा से मतलब है सत्य बोलना, दया करना, सबका मंगल चाहना यही धर्म (धम्म) है इसके विपरीत अधर्म है|

धर्म इन्सान को आंतरिक मनोबल प्रदान करता है यह हमें अन्दर देखने को प्रेरित करता है और सत्य से अवगत कराता है धम्म हमें सुनी-सुनायें बातों में विश्वास करना नहीं सिखाता है यह तो हमें सत्य का प्रत्यक्ष दर्शन करना सिखाता है जो जैसा है उसको वैसा जानो| धम्म एक अनुभूति है धर्म का अर्थ सदाचार-सदाचरण है|

भगवान बुद्ध के महापरिनिर्माण प्राप्त होने के बाद संघ ने उनके उपदेशों को एक किताब में सुरक्षित कर संगृहीत किया लेकिन भगवान बुद्ध ने कहा था की इसको किताबों में सुरक्षित रखने के बजाय अपने जीवन में उतारें धम्म से लोग जागृत होते हैं उनके पास सम्यक दृष्टि होती है और चीजो को बेहतर ढंग से देखने और समझने लगते है| 

Vipassana Meditation Benefits

विपश्यना एक प्रकार की साधना है जिसे भगवान गौतम बुद्ध ने आज से लगभग 2500 वर्ष पूर्व खोजा था ये मनुष्य के दुखों से झुटकारा दिलाने का एक साधन है|

इस शिक्षा के द्वारा मनुष्य स्वयं के द्वारा अपने दुखों पर नियंत्रण कर सकता है इसके लिये मनुष्य को सिर्फ देखना होता है जो भी अन्दर घटित हो रहा उसको देखना होता है चाहे वह साँस को देख सकता है, चाहे वह अपने अन्दर कंपन, फुसफुसाहट, झनझनाहट, खुजली, दुःख, ख़ुशी, हवा का स्पर्श, कपड़े का स्पर्श या अन्य प्रकार के एहसास सिर्फ उसको देखना होता है ओर देखते-देखते आपके अन्दर के सारी चीज साफ होता जाता है |

Scientific Benefits of Vipassana

विपश्यना के चमत्कार

इसको करते रहने से धीरे-धीरे लोगों को हर क्षेत्र में लाभ होने लगता है चाहे वह पारिवारिक मामला हो, सामाजिक मामला हो, आर्थिक, आध्यामिक हर क्षेत्र में इसका लाभ दिखने लगा तो लोग अधिक से अधिक जुड़ने लगे और इसका फ़ायदा उठाने लगे लोगों की जिंदगी में खुशहाली आने लगा लोगों में शांति आने लगी जो कि साफ़ उनके चेहरे से झलकता है|

आचार्य श्री सत्यनारायण गोयनका जी के बताये 10-day Vipassana at home प्रैक्टिस कर सकते है|     

Benefits of Vipassana

इसका सबसे अच्छा लाभ बच्चों के ऊपर दिखा जिन-जिन बच्चों को एक दिन, दो दिन या हफ्तेभर के लिए कराया गया उनमें इसका अच्छा लाभ देखने को मिला और जिन बच्चों को विपस्सना मैडिटेशन नियमित रूप से कराया गया उन बच्चों का मानसिक संतुलन, बोद्धिक विकास बहुत जबरदस्त देखने को मिला इसको करने से उनके अन्दर एक स्थिरता आ गयी|

Vipassana Technique

विपश्यना क्या है? इसका उत्तर बहुत आसान है अपनी आती-जाती सांसों को देखना जैसा है वैसा देखना थोड़ा सा भी परिवर्तन नहीं करना है अगर परिवर्तन हो रहा है तो उसको वैसा ही देखना|

मन भटकने पर शांत स्वभाव से, प्रसन्नता के साथ वापस सांसो पर ध्यान लगाना, न जोर देना, न बदलाव लाना सिर्फ देखना कौन से नाक से साँस आ रहा है दायें की बाएं उसको महसूस करो कहाँ साँस की हवा छू रही है उसको अनुभव करो यही विपस्सना तकनीक है|

Vipassana Meditation Technique Goenka

Benefits of Vipassana Meditation for Students

1 पढ़ाई में एकाग्रता बढ़ा

2 खेल में फोकस बढ़ा

3 बुद्धि रचनात्मक हुई

4 चिंता घटी

5 हर काम में मन लगना

Benefits of Vipassana 10-day course

1 तनाव में कमी आना

2 चिंता में कमी आना

3 भावनात्मक संतुलन

4 अवसाद में कमी

5 फोकस बढ़ना

6 रचनात्मकता वृद्धि

Vipassana long term benefits

1 तनाव में कमी आना

2 चिंता में कमी आना

3 भावनात्मक संतुलन

4 अवसाद में कमी

5 फोकस बढ़ना

6 दर्द में आराम मिलना

7 रचनात्मकता वृद्धि

8 मेमोरी में वृद्धि

Vipassana Meditation effects

1 इससे काफ़ी समस्या का समाधान हो जाता है

2 आपका ध्यान एक दिशा में केन्द्रित होता है

3 आप व्यर्थ के झगड़े में नहीं फंसते है

4 ध्यान समस्या के समाधान पर होता है

5 एकाग्रता में वृद्धि होने लगाती है

6 रक्त संचार में वृद्धि होती है

7 तनाव मुक्त होने लगते है

8 शांत और प्रसन्न होने लगते है

9 उतावलापन में कमी आने लगाती है

10 आत्मविश्वास बढ़ने लगता है

Health Benefits of Vipassana Meditation

मैं एक बात स्पष्ट कर दूँ विपश्यना ध्यान बीमारी के इलाज के लिए नहीं है विपश्यना ध्यान शुद्ध रूप से वास्तविकता का अनुभव कराने का विज्ञान है जो की पूर्ण रूप से सत्य पर आधारित है लेकिन नियमित रूप से विपस्सना मैडिटेशन करते रहने से ऐसा देखा गया है की असाधारण से असाधारण रोग भी ठीक हो गया है इसका सबसे अच्छा उदाहरण आचार्य श्री सत्यनारायण गोयनका जी स्वयं है जिनका आधी सीसी सिरदर्द (मईग्रेन) से पूर्ण रूप से निजात पायें है यही है “vipassana meditation effects”|

मानसिक और शारीरिक रोगों से मुक्त होते देखा गया है इसलिए विपस्सना मेडिटेशन हमारे हेल्थ के लिए बहुत है फायदेमंद है|

Scientific Benefits of Vipassana

1 आप वास्तविकता से परिचित होने लगते है

2 आप अपने आप को हर पाल जन सकते है

3 इस समय विचार सकारात्मक हैं या

   नकारात्मक यह आप जान सकते है

4 हमारे पुराने दर्द में भी काम करता है

5 Mindfulness Peace का अहसास होता है

6 मादक पदार्थ के सेवन से छुटकारा मिलने   

   लगता है

7 जीवन सात्विक होने लगता है

8 IQ में जबरदस्त वृद्धि होने लगाती है

9 दिमाग सही दिशा में काम करने लगता है  

10 vipassana long term benefits

पद्म भूषण से सम्मानित आचार्य सत्यनारायण गोयनका

इस विशिष्ट कार्य के लिए भारत सरकार के द्वारा भारत का सर्वश्रेष्ठ पुरुषकार पद्मा भूषण से सन 2012 के तात्कालिक राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल द्वारा गणतन्त्र दिवस पर भारत के तृतीय सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया | इसके अलावा उनको देश-विदेश के अलग-अलग मंचों से सम्मानित किया गया |

आचार्य श्री सत्यनारायण गोयनका जी विपस्सना की नींव रखे और मुंबई वह पूरे विश्व में प्रचार-प्रसार में लग गए|

Vipassana Meditation Centre

देश

केन्द्र

गैर-केन्द्र

अफ्रीका

1

24

अमेरिका

28

43

एशिया

158

29

यूरोप

17

39

ओशिनिया

9

3

योग

213

138

वर्तमान में 213 केन्द्र संचालित है संस्था के तरफ से और गैर-संस्था के तरफ से 138 केंद्र संचालित किए जाते है पूरे विश्व में यह आकड़ा विपस्सना के अधिकारिक वेबसाइट www.dhamma.org से लिया हुआ है |

Vipassana Schedule

Course Details Chart

S/No.

Course Name

Course Details

Other Information

Note

1

10 days

Full 10 days spent on Dhamma hall

10 days full days meditation course

Course ends on 11th day by 7:30am

2

1 – 3 days

Available on website

Completed at least one 10 days course

Short term course

3

10 days Executive Course

For Business man & Government persons

Courses begin after 2-4pm and the morning of the 11th day by 7:30am

Course taught step by step each day

4

10 days for Old Students

Full 10 days spent on Dhamma hall

At least three 10 days & one Satipatthana Sutta

 

5

10 days Special

Full 10 days spent on Dhamma hall

At least five 10 days & one Satipatthana Sutta

 

6

20 days

Full 20 days spent on Dhamma hall

At least five days & one Satipatthana Sutta

 

7

30 days

Full 30 days spent on Dhamma hall

At least six 10 days & one 20 days

 

8

45 days

Full 45 days spent on Dhamma hall

Completed seven 10 days & two 30 days

 

9

60 days

Full 60 days spent on Dhamma hall

Completed at least four 10 days & two 45 days

 

10

Children’s Courses

Visit  www.dhamma.org

All children aged 8-12 years old

 

11

Satipatthana Sutta Courses

10 days

Completed at least three 10 days course

 

12

Teenagers Anapana

Available for Teens 13-18 ages

Visit  for more information www.dhamma.org

Short term course

*** You have to submit your money and other electronic gadgets to office after completion you can take back.

Vipassana 10-days Course

10 Days Vipassana Routine or Time Table

कोर्स(ध्यान) के दौरान प्रदान किये जानेवाले भोजन

जब हम एक दिन पहले पहुँचते है तो दोपहर का भोजन दिया जाता है शाम को हल्का भोजन दिया जाता है अगले दिन 4 बजे आपको जगा दिया जायेगा प्रातः ध्यान के लिए यह ध्यान 6:30 a.m. तक चलता है इसके बाद आपके पास डेढ़ घंटा मिलता है जिसमें आप फ्रेश होकर नाश्ता कर सकते है उसके बाद लगातार ध्यान करना होता है 5 मिनट के ब्रेक के साथ आधा घंटे का ब्रेक भी मिलता है आचार्य के आदेशानुसार 12:30pm को आप भरपेट भोजन कर सकते है शाम को आपको लाई चाय बिस्कुट या पुराने साधकों को नेबू पानी मिलता है रात को कोई भोजन नहीं मिलता है 8-9pm को गुरु जी का प्रवचन होता है उसके बाद आपके समस्या को आपके आचार्य द्वारा निवारण किया जाता है दोपहर में भी ब्रेक के द्वरान अपनी समस्या पूछ सकते है और उनसे हाल ले सकते है|

10 दिन हमें क्या करना है

साधक को दसों दिन तक को मौन रहना होता है। लगातार कई घंटों तक शरीर को बिना हिलाए-डुलाए एक ही मुद्रा में बैठे रहना होता है। और जो मुख्य काम करना होता है पहले तीन दिन तक अपनी आती और जाती सांस को लगातार देखते रहना होता है। यह अत्यंत सहज ध्यान प्रक्रिया है। इस साधना से चित्त शांत और अवचेतन की सारी गांठें खुलने लग जाती है। यहीं से शुरुआत होती है आध्यात्मिक उन्नति का सफ़र ……….

Worldwide map of vipassana

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Vipassana India Map

Vipassana-World-location-map

Vipassana World Map

भारत के सम्पूर्ण विपश्यना ध्यान केंद्र का पता के लिए click here

महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर

विपश्यना ध्यान विधि बहुत ही आसान प्रक्रिया है इसमें अपना पूरा ध्यान अपने श्वास पर रखना होता है आते-जाते साँस को देखना, श्वास का हवा गर्म है की ठंडा, वह किस भाग को छू कर निकल रही है, आप कैसा महसूस कर रहें है, कौन से नाक से श्वास आ जा रहा है आदि अपना पूरा ध्यान श्वास पर ही रखना होता है जागरुक रहते हुए|    

विपश्यना ध्यान के अद्भुत लाभ है यह हमें अन्दर से मजबूत बनता है शरीर की आभामंडल बेहतर होना, चेहरे पर चमक आना, रोग से मुक्ति मिलना, मन स्थिर और शांत होना, किसी भी प्रकार का तनाव, दुःख का खात्मा होना और आत्मविश्वास जगना जीवन में positivity सकारात्मकता आना इत्यादि अन्य लाभ है|

ध्यान कई प्रकार से किया जाता है मसलन आचार्य आशो कहते है हमें विचारों को दमन नहीं करना है उसके साथ बह जाओ लेकिन दृष्टा बनकर विपश्यना ध्यान का मुख्य ध्येय है अपने नाक पर फोकस करना आती-जाती हवा (श्वास) को देखना वह जैसा भी आ रही है (गर्म-ठंडा) बस देखना, ध्यान का मकसद ही है अपने मन पर विजय प्राप्त करना अपने भावनाओं को नियंत्रित करना| 

विपश्यना में हम 12 घंटे ध्यान करते हैं जिसमें ब्रेकफास्ट, लंच, विश्राम का 2 घंटे निकल दे तो पूरे दस घंटे दस दिनों तक ध्यान करना होता है| जिसमें आप किसी से भी बात नहीं कर सकते हैं (केवल अपने आचार्यों और सेवादार को छोड़कर) हम अपने मोबाइल उपकरण का भी इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं बिलकुल आर्य मौन अपनाना होता है|

पहला स्थूल ध्यान, दूसरा ज्योतिर्ध्यान और तीसरा सूक्ष्म ध्यान

ध्यान की कोई उम्र नहीं है जब से होश आये तभी से शुरू हो जाओ अगर दो-तीन वर्ष का बच्चा अपने माँ-बाप को ध्यान करते देखता है तो उसे भी करने की इच्छा जगेगी|

विपश्यना ध्यान से मन नियंत्रित होता है जिससे काम में मन लगता है किसी भी काम को अच्छे से, पूरे दिलों दिमाग से कोई भी काम सफलतापूर्वक संपन्न किया जा सकता है| 

मुख्यतः विपश्यना ध्यान का मकसद होता है अपने ध्यान को अपने नाक पर केन्द्रित करना एक बार नियंत्रित होने के बाद पूरे शरीर के हर भाग पर दस से पंद्रह सेकंड के लिए ध्यान देना होता है फिर अगले अंग पर focus करना होता है फिर आगे बढ़ते जाना होता है इस तरह पूरे शरीर का चक्कर लगाना होता है| उसके बाद एक बार इसमें पारंगत होने के बाद हम किसी भी अंग पर अपना ध्यान टिका सकते है फिर दूसरे फिर तीसरे एक बार इसमें पारंगत होने के बाद हमें अपने शरीर के अन्दरुनी भाग जैसे हड्डीयों में जाकर उनके कम्पन या अनुभव को जानना होता है उसके बाद और अन्दर जाने पर हम अपने भाव को देख सकते हैं इस प्रकार आप जाते ही चले जाते हैं|

विपश्यना के जनक भगवान बुद्ध को जाता है उसके बाद यह गुरु-शिष्य परंपरा से आते-आते आचार्य श्री गोयनका जी द्वारा पूरे विश्व में फैलाया गया इसलिए श्री गोयनका जी को ही संस्थापक कहा जा सकता है हालांकि उन्हें उनके गुरु आचार्य सियाजी उ बा खिन द्वारा यह विद्या प्राप्त हुई थी और उन्हें उनके गुरु उन्हें उनके गुरु….  

गीता के अनुसार ध्यान एक यौगिक क्रिया है (योगक्रिया) यह एक वैज्ञानिक पद्धति है जिसका प्रयोग करके कोई भी अपने जीवन को उन्नत बना सकता है जीवन में संतुलन, धर्य, एकाग्रता, अनुशासनात्मक जीवन जी सकता है|    

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निष्कर्ष

इस पूरे लेख में हमने “विपश्यना क्या है” इसको समझा| यह क्या होता है? इसका अर्थ क्या है? भगवान गौतम बुद्ध के जीवन से परिचित हुआ 2500 वर्ष पूर्व की यह विपश्यना विद्या गुरु-शिष्य परंपरा द्वारा कैसे जीवित रही और आज हमें बिलकुल वैसे ही प्राप्त हुई है जैसे यह 2500 पूर्व में था और इस विद्या को बिलकुल वैसे ही हमें प्राप्त हुआ परम पूज्य आचार्य श्री गोयनकाजी द्वारा जिन्हें भारत के सर्वोच्च पद से भी सम्मानित किया गया|

आज भी यह विद्या लोगों का वैसे ही कल्याण कर रही है जैसे यह पूर्व में था यहाँ हमने विपश्यना ध्यान विधि के अच्छे और बुरे दोनों पहलुओं के बारे में समझा और यह जाना की विपश्यना ध्यान ही सारे ध्यान विधि की जननी है|

उपरोक्त लेख में विपश्यना का क्या मतलब है? विपश्यना साधना कैसे करें? इसकी पूरी जानकारी उदाहरणों से स्पष्ट मिल जाता है|

विपश्यना के लाभ भी अद्भुत है इसका सीधा संबंध स्वयं से है हम सुख-आनंद बाहर खोज रहें है जबकि वह है हमारे अन्दर ही|

विपश्यना ध्यान केंद्र सम्पूर्ण भारतवर्ष के साथ-साथ लगभग पूरे विश्व में फैला है यहाँ तक की पाकिस्तान (कराची), बांग्लादेश (ढाका) के साथ-साथ सऊदी अरब जैसे मुस्लिम देशों में भी है क्योंकि यह कोई धर्म नहीं है यह पूर्ण विज्ञान है|

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