लक्षद्वीप का इतिहास

लक्षद्वीप का इतिहास

लक्षद्वीप का इतिहास

history of Lakshadweep

संक्षिप्त परिचय

लक्षद्वीप का इतिहास” के बारे में आधिकारिक रूप से प्रमाण मिलता है जो प्रमाणित है यहाँ केवल उसी को बताया गया है| लक्षद्वीप की विशेषता के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है यह एक ऐसा द्वीप(आइलैंड) है जहाँ का मौसम बाहरों महीने सुहावना रहता है जिसके बारे में बताया गया है|

लक्षद्वीप एक आइलैंड है जिसके चारों तरफ पानी ही पानी है यानि महासागरों से घिरा है यहाँ कई छोटे-छोटे द्वीप है यह कई द्वीपों का समूह है जिसे लक्षद्वीप कहा जाता है|

इस द्वीप पर घुमने जाने के लिए दो ही रास्ते हैं पहला हवाई मार्ग और दूसरा जल मार्ग कैसे इनका इस्तेमाल किया जाए इस पर प्रकाश डाला गया है| फिर जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वह “लक्षद्वीप पर्यटन स्थलों का भ्रमण” कैसे किया जाए लक्षद्वीप के ऐतिहासिक स्थानों को कैसे देखा जाए सम्पूर्ण गाइड के साथ-साथ लक्षद्वीप के कुछ रोचक तत्व के बारे में बताया गया है जो आपके जानकारी में होना अति आवश्यक है|

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विस्तार से जाने

लक्षद्वीप का इतिहास” के बारे कहा जाता है की लक्षद्वीप पर राजा चेरमन पेरूमल का शासन था वह एक हिन्दू राजा थे कुछ अरब व्यापारियों के कहने पर उन्होंने इस्लाम को कबूल कर लिया था लक्षद्वीप में कई द्वीप है जिसमें सारे लोग हिन्दू थे कुछ मुसलमान व्यापारियों के आने के बाद लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन करा लिया था|

इस्लाम का आगमन से पहले यहाँ के लोग हिन्दू ही कहलाते थे कुछ लोगों को पैगम्बर मोहम्मद साहब ने सपने में आकर इस्लाम के प्रचार का पैगाम दिया था इसके बाद ही कुछ लोग इन टापुओं की यात्रा की और इस्लाम का प्रचार-प्रसार किया जिसमे उबेदुल्लाह और उनकी बीबी हमीदत प्रमुख हैं आज भी उनका कब्र एक प्रवित्र स्थान के रूप में माना जाता है|

भारत में जब पुर्तगाल का आगम हुआ तो वह जहाजो को लुटने लगे उनको जो भी अच्छा लगता वह ले लेते थे विरोध करने पर जान से मार देते थे इससे तंग आकर लोगों ने सभी आक्रमणकारियों को जहर देकर मार दिया इस प्रकार पुर्तगाली आक्रमणकारी से मुक्ति मिली|

लगभग पुरे द्वीपों पर इस्लाम का रूपांतरण होने के बाद भी चिरकलक जोकि एक हिन्दू राजा थे उनका शासन बरक़रार था आगे चलके टीपू सुलतान का शासन आया लक्षद्वीप पर भी स्थापित हुआ अंग्रेजों के भारत में आगमन के बाद मुसलमानों का शासन धीरे-धीरे समाप्त होने लगा फिर धीरे-धीरे ईस्ट इंडिया कंपनी ने पुरे भारत में अपना आधिपत्य स्थापित किया|

1 नवम्बर 1956 को जब भारत का पुनर्गठन किया गया तो लक्षद्वीप को केंद्र-शासित प्रदेश के रूप में घोषित कर दिया गया और लक्षद्वीप भारत का एक हिस्सा बन गया इस तरह से लक्षद्वीप का इतिहास को समझा जा सकता है|

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लक्षद्वीप पर्यटन स्थल

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लक्षद्वीप में घुमने लायक जगह में से एक जगह है प्रकाश स्तंभ यह स्तंभ मिन्काया आइलैंड पर स्थित है इसकी ऊँचाई 300 फीट है और इसका निर्माण 1985 में किया गया था इसके ऊपर से बहुत ही खुबसूरत नजारा देखने को मिलता है|

बांगरम द्वीप- यहाँ समुद्र के अन्दर रत्नों का ख़जाना है वातावरण साफ और स्वच्छ है यहाँ वाटर स्पोर्ट्स का बेहतरीन सुविधा उपलब्ध है प्राचीन मूंगा समुद्र के अन्दर प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है जिसको देखना अपने आप में अद्भुत है|

अगत्ती द्वीप- यहाँ समुद्र के अन्दर लाल ही लाल मूंगा प्रचुर मात्रा में मिलता है इस आइलैंड पर लगभग दस हजार लोग रहते है यह बहुत ही छोटा आइलैंड है सफ़ेद बालू समुद्र के तट पर बेहतरीन नज़ारा दिखता है|

अमिन्दिवी द्वीप- यह द्वीप अपनी शानदार खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है यहाँ का स्वच्छ और शांत वातावरण आपका मन मोह लेगा इसकी गारंटी है बहुत कम आबादी वाला आइलैंड मूंगे की बड़े-बड़े चट्टानों से घिरे है दूर-दूर तक रेत की घाटी है और बेहतरीन रिसोर्ट उपलब्ध है|

कदमत द्वीप- यह सबसे प्रसिद्ध द्वीप है जहाँ लोग सबसे पहले जाना पसंद करते हैं यहाँ पर्यटकों की संख्या सबसे ज्यादा होती है इस द्वीप पर हमेशा ही भीड़-भाड़ लगा रहता है यहाँ एक रास्ता सुमद्र के तरफ जाता है जिस पर चलकर लोग अपने आपको एक अलग अनुभव करते है|

कल्पेनी द्वीप- यह एक बेहतरीन और खुबसूरत आइलैंड है उस आइलैंड को कोइफैनी आइलैंड भी कहा जाता है| यहाँ ऊँचे-ऊँचे लहरों को लोग देखने आते है यहाँ वाटर सपोर्ट की सुविधा मौजूद है नौकायन या बोटिंग किया जा सकता है नील आसमान के नीचे का नज़ारा बेहतरीन है|

मिनिकॉय द्वीप से कोच्ची की दूरी लगभग 400 किलोमीटर दूर है यहाँ सफ़ेद चट्टान देखने को मिलता है यहाँ रुकने के लिए रिसोर्ट और होटल है| यहाँ के सागर में रत्नों का ख़जाना है समुद्र के नीचे का यात्रा आपके लिए यादगार सिद्ध होगा| 

लक्षद्वीप घुमने जा ही रहें हैं तो क्रुज याट या शिप से जायें इससे आप घुमने का भरपूर आनंद ले सकते हैं आपको एक अलग अनुभव होगा नीले समुद्र और नीले आसमान का विचित्र और अकल्पनीय अनुभव मिलेगा जिसको भुलाना असंभव है| 

मरीन संग्रहालय- यह संग्रहालय कवरत्ती द्वीप पर स्थित है इस संग्रहालय में हर प्रकार के समुद्री सींप-संख अन्य विभिन्न प्रकार का धरोहर देखने को मिलता है यहाँ लोगों को समुद्रीय जीव और उनके जीवन के बारे में जानने और समझने को मिलता है| 

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लक्षद्वीप की विशेषता

लक्षद्वीप का इतिहास इसका भौगोलिक स्थिति इसका प्राकृतिक बनावट के बारे में कहा जाता है की यह एक उष्णकटिबंधीय द्वीप है जहाँ का मौसम न ज्यादा गर्म होता है और न ज्यादा ठण्ड इसलिए यहाँ का मौसम हमेशा सुहाना होता है लेकिन चारों तरफ समुद्र से घिरे होने के कारण चक्रवाती तूफान का ख़तरा बराबर बना रहता है|

केरल से लक्षद्वीप की दूरी 385 किलोमीटर है यह दीप अपने संस्कृति का एक अनमोल विरासत है यह द्वीप अपने समुद्रीय संपदा से भरपूर है|

लक्षद्वीप में कुल 36 द्वीप है|

लक्षद्वीप में पानी के नीचे का दृश्य बहुत ही भव्य और लुभावना है पानी के नीचे स्कूबा ड्राइविंग और अन्य प्रकार का मनोरंजन का साधन मौजूद है जो आपके जीवन का एक बेहतरीन पल सिद्ध होगा|

लक्षद्वीप लाल रंग के मुंगे की रेत से घिरा है जिसको ज्योतिष विज्ञान में इस्तेमाल किया जाता है यानि मूंगे को हाथों के उंगलियों में पहना जाता है अपने नक्षत्रों के निवारण के लिए इसे उँगलियों में पहना जाता है| मुंगे के अलावा यहाँ पन्ना भी पाया जाता है जिसे भी हाथों के उंगलियों में पहना जाता है|

लक्षद्वीप पर्यटन स्थल तस्वीरें

लक्षद्वीप कैसे जाये

हवाई जहाज से लक्ष्यदीप कैसे जायें

लक्षद्वीप जाने के सिर्फ दो ही मार्ग है पहला हवाई मार्ग और दूसरा जलमार्ग| हवाई मार्ग में इंडियन एयरलाइंस, किंगफिशर आदि से जाया जा सकता है लक्षद्वीप का एक मात्र हवाईअड्डा agatti aerodrome (लक्षद्वीप हवाई अड्डा) है|

कोचीन से अग्टाटी तक की उडान लगभग ढेड़ घंटे का यानि एक घंटा और तीस मिनट का सफ़र है हवाई जहाज से|

कोचीन इंटरनेशनल एअरपोर्ट एक मात्र ऐसा हवाई अड्डा जो लक्षद्वीप से जुड़ा है जहाँ से इंडियन एयरलाइन्स व् अन्य हवाई जहाज जाती है| यहाँ से अग्टाटी एरोड्रम हवाईअड्डे से रोज और नियमित रूप से हवाई जहाज का आवागमन होता है रविवार छोड़कर|

अगर कोई लक्षद्वीप घुमने जाना चाहता है और वह दिल्ली-कोलकाता-लखनऊ-तमिलनाडु या भारत के अन्य भाग से हो तो सबसे पहले आपको कोच्चि आना पड़ेगा फिर यहाँ से लक्षद्वीप के लिए आप प्रस्थान कर सकते है बैंगलोर से भी हवाई सेवा जल्द ही प्रारम्भ होने वाला है|

पानीवाले जहाज से लक्ष्यदीप कैसे जायें

अक्तूबर से मई तक का मौसम सबसे उपयुक्त होता है जलयान से लक्षद्वीप का यात्रा करना| बरसात के मौसम से परहेज करना चाहिए क्योंकि तूफान, चक्रवाती तूफान और ऊपर उठते लहरों के कारण यह समय घुमने के लिए उपयुक्त नहीं होता है|

पानीवाले जहाज में एम वी अरबियन सी, एम वी कवारत्ती, एम वी लैगून्स, एम वी लक्षद्वीप सी, एम वी कोरल्स, एम वी अमिंडीवि और एम वी मिनिकॉय कोचीन से लक्षद्वीप के बीच चलता है। यात्रा का अवधि 17 से 18 घंटे होता हैं| जहाज में अलग-अलग कक्षाएं उपलब्ध है जैसे a/c फर्स्ट क्लास, सेकंड क्लास, बर्थ, केबिन आदि होते है लोग अपने सुविधा के अनुसार चुन सकते है|

लक्षद्वीप टूर पैकेज

लगभग (1000 रूपए) लगता है विदेशी पर्यटक के लिए यह (2000 रूपए) दुगना हो जाता है|

लक्षद्वीप में रुकने की जगह के लिए बहुत से होटल और रेसॉर्ट मिल जायेंगे बजेट के अनुसार| 

लक्षद्वीप टूर पैकेज के बारे में अधिक जानकारी के लिए http://lakshadweeptourism.com/ संपर्क कर सकते है या https://lakshadweep.gov.in/hi/ इसपर भी जानकारी प्राप्त कर सकते है इसके साथ-साथ पर्यटन पैकेज और लक्षद्वीप परमिट कैसे प्राप्त करें इसके बारे में भी जान सकते है|

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लक्षद्वीप के बारे में बताएं

  • लक्षद्वीप 36 द्वीपों का समूह है|
  • मलयालम और संस्कृत में लक्षद्वीप का अर्थ होता है “एक सौ हजार द्वीप”
  • लक्षद्वीप एक यूनी जिला संघ राज्य है भारत का जिसमे 12 एटोल, 3 रीफ, 5 जलमग्न बैंक और 10 बसे हुए द्वीप हैं|
  • लक्षद्वीप राजधानी- कवरत्ती लक्षद्वीप की राजधानी है|
  • यहाँ का औसत तापमान 27 डिग्री से 32 डिग्री रहता है इसलिए यहाँ का मौसम हमेशा सुहावना रहता है|
  • लक्षद्वीप का नाम पहले लक्कादीव-मिनिकॉय-अमिनीदिवि के नाम से जाना जाता था 1 नवम्बर 1973 के बाद इसका नाम बदल के लक्षद्वीप रखा दिया गया|
  • लक्षद्वीप का क्षेत्रफल 32 Sq km है
  • लक्षद्वीप में कितने जिले हैं- जिले की संख्या सिर्फ (1) एक है और जिला पंचायत की संख्या भी (1) एक है
  • ग्राम ड्राप पंचायत की संख्या दस 10 है
  • लक्षद्वीप की जनसंख्या सन 2011 के जनगणना के अनुसार 64,473 है
  • लावा” सबसे लोकप्रिय नृत्य है|
  • त्योहार के रूप में स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस एक धार्मिक उत्साह के रूप में मनाया जाता है| इसके अलावा मीलाद-उल-नबी, आइडुल्फिट्रर, बकरीड और मुहर्रम को भी बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है|
  • लक्षद्वीप में अधिकतम लोग मलयालम या अंग्रेजी बोलते है|
  • लक्षद्वीप में कौन-से धर्म के लोग रहते है?(लक्षद्वीप धर्म)- 90 प्रतिशत लोग मुस्लिम रहते है जोकि सुन्नी संप्रदाय से आते हैं इसलिए लक्षद्वीप मुस्लिम पापुलेशन द्वीप है|
  • लक्षद्वीप तीन द्वीपों से मिलकर बना है|
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    • यहाँ पर सबसे अधिक नारियल की खेती होती है|
    • लक्षद्वीप जाने का खर्चा कितना है?- आपके पास कम से कम 25-30 हजार होने चाहिए यह 7 से 8 दिनों का ट्रिप होगा एक couple के रूप में|
    • कोच्ची से लक्षद्वीप जाने में कितना समय लगता है?- पानी के जहाज से लगभग 17 घंटे लगते हैं और हवाई जहाज से डेढ़ घंटे (1.5 hrs) लगते हैं|
    • कोच्चि से लक्षद्वीप की दूरी लगभग 384 किलोमीटर है|
    • भारत की लोगों ने “लक्षद्वीप का इतिहास” में बहुत योगदान दिया है मसलन वहाँ के हिन्दू राजा ने ही शासन किया|
    • लक्षद्वीप का प्रसिद्ध भोजन चावल है इसके साथ वह मछली या अन्य समुद्रीय जीव या नारियल का प्रदार्थ बनाकर खाते है लगभग सभी लोग माँसाहारी है|
    • लक्षद्वीप का प्रसिद्ध भोजन क्या है?- चावल वहाँ का मुख्य भाग है आहार का भौगोलिक स्थिति के वजह से समुद्री भोजन जैसे मछली, झींगा, टूना, केकड़ा आदि का प्रभुत्व है इसके अलावा मुस कवाब, ऑक्टोपस फ्राई, मछली पकोड़ा, फिश टिक्का, उत्पम, अप्पम मासु पोदिचाथ, मालाबार पैरोथा आदि यह बहुत ही प्रसिद्ध व्यंजन है|
    • बारिश के दिनों को छोड़कर किसी भी दिन यहाँ घुमने जाया जा सकता है|
    • लक्षद्वीप का सबसे बड़ा द्वीप कौन सा है?- एंड्रोट द्वीप 4.90 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल वाला सबसे बड़ा द्वीप है|
    • लक्षद्वीप का सबसे छोटा द्वीप कौन सा है?- बितरा द्वीप लक्षद्वीप का सबसे छोटा द्वीप है|
    • लक्षद्वीप की जनजाति कौन सी है?- लक्षद्वीप में रहने वाले जनजातीय समुदायों में माल्मिस, अमिनिदिवि, कोया और मेलाचेरी यह प्रमुख जनजाति है|
    • लक्षद्वीप में घुमने का सही समय कौन सा है?- अक्तूबर, नवम्बर, दिसम्बर, जनवरी, फ़रवरी, मार्च, अप्रैल और मई ही उपयुक्त समय है|
    • लक्षद्वीप किस सागर में है? या लक्षद्वीप कहाँ स्थित है?- यह अरब सागर में स्थित है|
    • लक्षद्वीप को प्रवाल द्वीप क्यों कहा जाता है?– लक्षद्वीप छोटे-छोटे समुद्री जीवों के शवों (कंकाल-हड्डियों) के ऊपर पर बसा है इसलिए लक्षद्वीप को प्रवाल द्वीप कहा जाता है|
    • लक्षद्वीप भारत में कैसे मिला?– भारत के सरदार पटेल द्वारा सन 1947 में जब भारत का विभाजन हुआ तो पाकिस्तान की नज़र लक्षद्वीप पर था इसको पहले ही सरदार पटेल भांप गए और इसपर कार्यवाही शुरू कर दिया इस प्रकार लक्षद्वीप भारत का हिस्सा बना|
    • लक्षद्वीप के वर्तमान राज्यपाल कौन है?- माननीय श्री प्रफुल् पटेल हैं|
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निष्कर्ष

जैसा की आपने देखा लक्षद्वीप एक शांत खूबसूरत प्रदूषण रहित स्थान है जहाँ जाना और समय बिताना अपने आप में ख़ुशी और आनंद से भर देता है

लक्षद्वीप पर्यटन स्थल के रूप में विख्यात है और अपने लज़ीज फ़ास्ट फ़ूड के लिए जाना जाता है|

यहाँ देखने और घुमने के लिए चारों तरफ द्वीप ही द्वीप है जहाँ नज़र जाता है वहाँ आइलैंड ही आइलैंड दिखता है लोग यहाँ के वाटर स्पोर्ट्स, बोटिंग का आनंद लेते है स्कूबा ड्राइविंग और पानी के अन्दर का सफ़र करके एक अलग दुनिया का अनुभव प्राप्त करते हैं जिसका वर्णन शब्दों में करना असंभव है|

“लक्षद्वीप का इतिहास” को समझने के लिए “लक्षद्वीप के बारे में बताइए” में बिंदु दर बिंदु समझाया गया है जिससे आपको समझने में आसानी होगी और सबसे बड़ी बात यह है की यहाँ हर छोटी बड़ी जानकारी दिया हुआ है|

जैसा की आपने ऊपर पढ़ा लक्षद्वीप जाने के लिए सबसे पहले आपको कोच्चि जाना होगा कोच्चि इंटरनेशनल एअरपोर्ट जाना होगा पुरे भारत में सिर्फ यहीं से लक्षद्वीप के लिए उडान भरा जा सकता है या पानी वाला जहाज मिल सकता है प्राइवेट डक की सुविधा अन्य जगहों से भी है निकट भविष्य में बंगलोर से हवाई सेवा प्रारम्भ करने पर काम किया जा रहा है|

अंत में लक्षद्वीप के बारे में वह सब जानकारी जो आपको जानना जरुरी है वह सब दिया गया है जिसको पढ़कर लक्षद्वीप के बारे में सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त किया जा सकता है जो आपके जनरल नॉलेज में सहायक सिद्ध होगा| 

वैसे तो “लक्षद्वीप की जानकारी” complete जानकारी हमारे तरफ से देने का प्रयास किया गया है फिर भी अगर कोई जानकारी छुट गई है या कोई सवाल है तो आप बेझिझक हमें ईमेल या कमेंट कर सकते है यथा शीघ्र 24 घंटे के अन्दर जवाब दिया जायेगा| 

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