रामेश्वरम

रामेश्वरम

रामेश्वरम स्थापना

एक ऐसा स्थान जहाँ से भगवान श्रीराम रावण की लंका पर चढाई करने से पूर्व भगवान शिव की स्तुति और वंदना करने के लिए अपने हाथो से शिव लिंग की स्थापना और पूजा-अर्चना की, यह स्थान बिलकुल समुद्र तट पर बना हुआ है|

रामेश्वरम दर्शन

यह तमिलनाडु के रामनाथपुरम जिले में स्थित है यह 31 मील लम्बा और 7 मील चौडा यह द्वीप पुराणों में गन्धमादन पर्वत के नाम से उल्लेखित है इस स्थान का नाम राम और शिव दोनों के नाम पर पढ़ा है|

भगवान राम जब शिवलिंग बना के उनकी स्तुति कर रहे थे तो भगवान शिव प्रकट हो के उनकी स्तुति करने लगे तब भगवान राम ने कहा इस स्थान का नाम हम दोनों के नाम से जाना जायेगा राम-शिव यानि रामेश्वर यह स्थान मंदिर द्वीप के पूर्वी तट पर है हिंद महासागर और बंगाल की खाड़ी से घिरा है|

इसी स्थान से भगवान श्रीराम शिवजी की स्तुति करने के बाद लंका पर चढाई करने से पूर्व पत्थरों का निर्माण नल व नील द्वारा कराया गया था जिस पर से चढ़के वानर सेना लंका पहुंचे और रावण व उनके वीर योद्धा का वध करके विजय प्राप्त की विभीषण को लंका का राजा बनाया और जगत जननी माता सीता को पुष्पक विमान से अयोध्या लाये|

रामेश्वरम मणि दर्शन

रामेश्वरम मंदिर का रहस्य

इस स्थान पर भगवान शिव का एक बहुत बड़ा शिवलिंग है एक गरुण स्तम्भ जो सोने के पन्नो में मढ़ा हुआ है एक नंदी भी बना हुआ है जो लगभग 12 फिट का है व अन्य महत्पूर्ण स्थान मोजूद है| 

Floating-stone-rameshwaram

ऐसा मन जाता है की Rameshwaram Temple के दर्शन मात्र से ही ब्रम्हहत्या जैसा पाप भी नष्ट हो जाता है और सबसे बड़ी बात यह है की जिस पुल को नल-नील (वानर) द्वारा बनाया गया था उस पुल के कुछ पत्थर आज भी इसी स्थान पर मौजूद है जिसे रामेश्वरम सेतु  ram setu floating stone कहते है जिस पर से चलकर श्री रामचन्द्रजी की पूरी सेना रावण से युद्ध करके सीता माता को सकुशल वापस लाये थे|

रामेश्वरम कैसे पहुंचे

रामेश्वरम जाने के लिए तीन मार्ग उपलब्ध है:

  1. पहला सड़क मार्ग चाईबासा से जैंतगढ़ मार्केट होते हुए आप रामेश्वरम धाम पहुंच सकते है जिसकी दुरी लगभग 70 किलोमीटर है|
  2. इसी प्रकार रामेश्वरम रेलवे स्टेशन एक बड़ा स्टेशन है जो देश के बाकि सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों से जुड़ा हुआ है यह दक्षिण रेलवे है जिसका एक मजबूत नेटवर्क है|
  3. इस अति पवित्र स्थान पर पहुँचने का एक हवाई मार्ग भी उपलब्ध है “मदुरई एअरपोर्ट” जो की एक बेहतरीन विकल्प है|  

रामेश्वरम जाने के लिए ट्रेन

रामेश्वरम जाने के लिए ट्रेन का रास्ता सबसे सही और उपयुक्त मार्ग है अगर आप पूरब से, उत्तर से या तमिलनाडु राज्य के बाहर से आते है तो रेलवे सही है लेकिन अगर आप दिल्ली, लखनऊ सिक्किम या कोलकाता से आते है तो इस परिस्थिति में हवाई जहाज उपयुक्त मार्ग है इससे समय की बचत होगी जिस दिन आप प्लेन में बैठे हैं उसी दिन पहुँच जाते है ट्रेन से तीन से चार दिन का समय लग सकता है|

रामेश्वरम जाने का रास्ता

पहले यह स्थान महासागर के तट पर था जो की हिन्द महासागर और बंगाल की खाड़ी सागर से घिरा हुआ था और एक सुन्दर शंख के आकर जैसा द्वीप था लेकिन चक्रवात और तूफान के कारण इस स्थान को चरों तरफ पानी से जलमग्न कर दिया जिससे मिलन वाली कड़ी कट गयी और एक लम्बा मार्ग जल में चला गया जिससे यह स्थान एक टापूनुमा बन गया | इस स्थान को धनुषकोटि कहा जाता है लंका जितने के बाद विभीषण के कहने पर भगवन श्री राम ने अपने धनुष से सेतु (पुल) को तोड़ दिया था|  

रामेश्वरम से कन्याकुमारी की दुरी

अगर आप जगाह के दर्शन को आते हैं तो यहाँ से मात्र 310 किलोमीटर की दुरी पर कन्याकुमारी स्थित है इस स्थान पर जाने के लिए तो नेशनल हाईवे उपलब्ध है NH32 और NH44 लगभग 6 घंटे का सफ़र है रामेश्वरम से कन्याकुमारी आप रेलवे मार्ग से भी जा सकते है ट्रेन सुविधा उपलब्ध है|

रामेश्वरम मौसम

यहाँ का मौसम हलाकि गर्म है 30-40 डिग्री का, यहाँ बहुत तेज धुप होती है गर्मी के समय यह स्थान घुमने के उपयुक्त नहीं होता है समुद्र का किनारा होने के कारण यहाँ बारिश-चक्रवात-तूफान बराबर आता रहता है इसलिए गर्मी और बरसात का मौसम बिलकुल भी उपयुक्त नहीं होता है लेकिन अक्टूबर से मार्च तक का समय रामेश्वरम जाने का सही समय होता है यहाँ आने का यानि (सर्दी का समय) यहाँ सर्दी ज्यादा नहीं पढ़ती है तापमान की बात करें तो 20 डिग्री से हमेशा कम ही रहता है अतः सबसे उपयुक्त समय सर्दी ही है|  

रामेश्वरम में भोजन

यहाँ के कई भोजनालय, धर्मशालाओं में शुद्ध शाकाहारी भोजन उपलब्ध है हलाकि समुंद्र तट के किनारे होने के कारण लोग मछली ज्यादा पसंद करते है चावल का प्रयोग ज्यादा करते है चावल से बना भोजन ज्यादा करते है इडली, ढोसा, ढोकला, सांभर, मेदू वाडा, पूरी मसाला आदि है यहाँ का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन है चेतेनाडू|

रामेश्वरम के official website पर जाने के लिए  www.rameswaramtemple.in  पर जाके  online booking and donation कर सकते है| 

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