शंकर भगवान के 108 नाम
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भगवान शिव के 108 नामों का निहितार्थ
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संक्षिप्त परिचय
शिव तो अनन्त है अनादि है न भूतो न भविष्यति अर्थात् न मेरे जैसा कभी कोई आया न आ सकेगा| शिव ही आदि हैं शिव ही अंत हैं शिव स्वयं-भू हैं| भगवान शिव के 108 नाम के बारे में कहा जाता है उनको कोई नाम देना ही नहीं चाहिए उनको नाम देने से हम उनको छोटा कर देते है वह तो अनन्त है इसलिए उनका नाम भी अनन्त है इस जगत में जितने भी नाम है वह सब शिव है अच्छा हो या बुरा दोनों ही शिव का रूप है|
भगवान शिव के 108 नामों का वर्णन बहुत ही अच्छे ढंग से, विस्तार से, वर्णन के साथ पाठको के सुविधा के लिए किया जा रहा है उम्मीद है पाठक इसका लाभ उठाएंगे|
मेरे शोध के मुताबित भगवान शिव को कोई भी नाम देना गलत है क्योंकि वह तो अनन्त है यह पूरा ब्रम्हाण्ड उन्ही से शरू हुआ है और अंत भी उन्ही से होगा उनको नाम में बांधना उनके साथ अन्याय होगा उन तक पहुँचने का सिर्फ और सिर्फ एक ही रास्ता है और वह है “ध्यान” शांत चित के साथ जो कोई निरंतर ध्यान करता है वह उनको अपने अनुभूति में महसूस कर सकता है|
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विस्तार से समझें
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।
भगवान शिव का नाम “शि वा” है अर्थात् जो नहीं है वह शिव है जो समय से परे है, जिसका न कोई आदि है न अंत, जो अनन्त है वह शिव है
नाम | वर्णन |
शिव | सबका कल्याण करने वाला |
महेश्वर | महान |
शम्भु | जो स्वयं उत्पन हुए हो |
पिनाकी | एक प्रकार का धनुष |
शशिशेखर | शिर पर चन्द्रमा धारण करनेवाला |
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वामदेव | वेदविरुद्ध तंत्र का अनुसरण करने वाला |
विरूपाक्ष | कुरूप आंखों वाला |
कपर्दी | जटा धारण करनेवाला |
नीललोहित | नील और लाल रंग वाला |
शंकर | सबका कल्याण करने वाला |
शूलपाणि | हाथो में त्रिशूल धारण करनेवाला |
शिपिविप्ट | सितुहा में प्रवेश करनेवाला |
अम्बिकानाथ | माँ भगवती के पति |
श्रीकंठ | सुन्दर कंठवाले |
भक्तवत्सल | भक्तों पर अनंत स्नेह और कृपा रखनेवाला |
![Half-Shiv-Parvati](https://ilovemyhindi.com/wp-content/uploads/2021/07/Half-Shiv-Parvati.jpg)
भाव | संसार के रूप में प्रकट होनेवाला |
शर्व | कष्टों का नष्ट करनेवाला |
त्रिलोकेश | तीनो लोकों के स्वामी |
शितिकंठ | सफ़ेद कंठवाले |
शिवाप्रिय | पारवती के प्रिय |
उग्र | भयंकर रूपवाले |
कपाली | आदमी की खोपड़ी रखनेवाला |
कामारी | कामदेव के शत्रु |
अन्धाकासुरसुदन | अंधक नामक दैत्य को रखनेवाला |
गंगाधर | गंगाजी को धारण करनेवाला |
ललाटाक्ष | ललाट में आंखवाला |
कालकाल | काल के भी काल |
कृपानिधि | करुणा के भण्डार |
भीम | विशाल देहवाला |
परशुहस्त | हाथ में फरसा धारण करनेवाला |
मृगपाणी | हिरण जैसे मन को नियंत्रित करनेवाला |
जटाधर | जटा रखनेवाला |
कैलाशवासी | कैलाश के निवासी |
कवची | कवच धारण करनेवाला |
कठोर | अत्यंत मजबूत देहवाला |
![Lord-Shiva-in-space](https://ilovemyhindi.com/wp-content/uploads/2021/07/Lord-Shiva-in-space.jpg)
त्रिपुरांतक | त्रिपुर नामक असुर का अंत करनेवाला |
वृषांक | बैल के चिन्ह वाले झंडे को धारण करनेवाले |
वृषभारूढ़ | बैल की सवारी करनेवाला |
भस्मोद्धूलितविग्रह | भस्म से लिपटे बदनवाला |
सामप्रिय | सामा के प्रिय |
स्वरमयी | सातों स्वरों में निवास करनेवाला |
त्रयीमूर्ति | तीनो वेदों का व्याख्या करनेवाला |
अनीश्वर | जिसका कोई मालिक नहीं है |
सर्वज्ञ | सबकुछ जाननेवाला |
परमात्मा | सम्पूर्ण ब्रह्म |
![Lord-Shiva-Parvati-hand](https://ilovemyhindi.com/wp-content/uploads/2021/07/Lord-Shiva-Parvati-hand.jpg)
सोमसुर्याग्निलोचन | चाँद, सूर्य व् अग्नि रूपी आंखवाले |
हवि | आहुति रुपी द्रव्यवाले |
यज्ञमय | यज्ञ स्वरुपवाले |
सोम | उमा के सहित |
पञ्चवक्त्र | पांच मुखोंवाला |
सदाशिव | नित्य कल्याण करनेवाला |
विश्वेवर | सारे विश्व के ईश्वर |
वीरभद्र | बहादुर होते हुए भी शांत रहना |
गणनाथ | गणों के स्वामी |
प्रजापति | प्रजाओं का पालन करनेवाला |
हिरण्यरेता | सोने के समान तेजवाला |
दुर्धर्ष | किसी से नहीं दबनेवाला |
गिरीश | पहाड़ों के मालिक |
गिरीश | कैलाश पर्वत पर निवास करनेवाला |
अनघ | पापरहित |
भुजंगभूषण | साँपों का आभूषण पहननेवाला |
भर्ग | पापों को भुंज देनेवाला |
गिरिधन्वा | मेरु पर्वत को धनुष बनानेवाला |
गिरिप्रिय | पर्वत प्रेमी |
कृत्तिवासा | हाथी का चमड़ा पहननेवाला |
![](https://ilovemyhindi.com/wp-content/uploads/2021/07/Lord-Shiv-Parvati-PVG.png)
पुराराति | पुरों का नाश करनेवाला |
भगवान | सर्वशक्तिमान |
प्रमथधिप | प्रथम गणों के अधिपति |
मृत्युंजय | मृत्यु को जीतनेवाला |
सूक्ष्मतनु | सूक्ष्म शरीरवाला |
जगतव्यापी | जगत में व्याप्त होकर रहनेवाला |
जगतगुरु | पुरे संसार के गुरु |
महासेनजनक | कार्तिकेय के पिता |
चारुविक्रम | सुन्दर पराक्रमवाला |
रूद्र | रुलानेवाला |
![Maha-Shivratri](https://ilovemyhindi.com/wp-content/uploads/2021/07/Maha-Shivratri-629x1024.jpg)
भूतपति | धरती, जल, अग्नि, आकाश और हवा के स्वामी |
श्थाणु | स्पंदन रहित |
अहिबुर्धन्य | कुण्डलिनी को धारण करनेवाला |
दिगम्बर | आकाश रुपी वस्त्रों को धारण करनेवाला |
अष्टमूर्ति | आठ रूपवाला |
अनेकात्मा | अनेक रूप धारण करनेवाला |
सात्विक | सत्य गुणवाला |
शुद्धविग्रह | शुद्ध देहवाला |
शाश्वत | जिसमे कभी कोई परिवर्तन नहीं आता |
खण्डपरशु | टुटा हुआ फरसा धारण करनेवाला |
अज | जो जन्म और मृत्यु से परे हो |
पाशविमोचन | बंधन से छुड़ानेवाला |
मृड | सुखस्वरूप वाला |
पशुपति | पशुओं के मालिक |
देव | स्वयं प्रकाश रूप |
महादेव | देवों के भी देव |
अव्यय | खर्च होने पर भी न घटनेवाला |
हरि | विष्णु स्वरुप |
पूषदन्तभिद | पूषा के दांत उखाड़नेवाला |
अव्यग्र | कभी भी व्यथित न होनेवाला |
![Shiv-with-meditation](https://ilovemyhindi.com/wp-content/uploads/2021/07/Shiv-with-meditation-655x1024.jpg)
दक्षाध्वरहर | दक्ष के यज्ञ को नष्ट करनेवाला |
हर | पापों को हरनेवाला |
अव्यक्त | इन्द्रियों के सामने प्रकट न होनेवाला |
रहस्राक्ष | अनन्त आँखोंवाला |
रहस्रपाद | अनन्त पैरोंवाला |
अपवर्गप्रद | कैवल्य मोक्ष देनेवाला |
अनन्त | देश, काल, वस्तु रुपी परिच्छेद रहित |
तारक | सबको तारनेवाला |
परमेश्वर | जो सबसे परे है अर्थात ‘ईश्वर’ |
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निष्कर्ष
अंत में निष्कर्ष यह निकलता है की शिव को चाहे महादेव बोलें, चाहे शिव शम्भू, चाहे शंकर, चाहे नीलकंठ या कुछ और लेकिन वह हैं एक ध्वनि हैं जिसे ॐ कहते हैं यह पूरा ब्रम्हाण्ड एक ध्वनि है सब कुछ ध्वनि पर आधारित है जिसे विज्ञान भी मानता है अगर आप इस जगत के सूक्ष्म ध्वनि तरंगो को सुन सके तो आप ब्रम्हाण्ड के साथ संवाद बनाने में समर्थ हो सकते है फिर संसार की सूक्ष्म शक्तियाँ आपके लिए काम करना प्रारम्भ कर देगी यह ही परम सत्य है आपका मत भिन्न हो सकता है लेकिन यह एक गूढ़ रहस्य है|