कुल्लू के पर्यटन स्थल

कुल्लू के पर्यटन स्थल

कुल्लू के पर्यटन स्थल

Kullu tourist places

संक्षिप्त परिचय

“कुल्लू के पर्यटन स्थल” एक खूबसूरत स्थल है जहाँ प्रकृति अपने खूबसूरत रंग में दिखती है| कुल्लू मनाली के पर्यटन स्थल एक ऐसा स्थान है जहाँ पेड़-पालो, नदी-नालो, पर्वत शंखालायें यह सब अपने असली और खुबसूरत रूप में दिखती है| कुल्लू जिले के पर्यटन स्थल के बारे में हम जानेंगे कुल्लू घाटी कैसा दिखता है? कुल्लू के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों के बारे में विस्तार से जानेंगे इसके अलावा जो भी कुल्लू में घुमने की जगह है उसको जानेंगे यानि प्रसिद्ध जगह कौन सी है उसको जानेंगे, कुल्लू के दर्शनीय स्थल और घाटी के बारे में विस्तार से जानेंगे|

कुल्लू के पारंपरिक रीति-रिवाज के भी बारे में जानेंगे उनके कला को जानेंगे और साथ ही साथ उनके रहन-सहन को जानने का प्रयास करेंगे|

विस्तार से जाने

कुल्लू के पर्यटन स्थल एक खुबसूरत और बेहतरीन पर्यटन स्थलों में से एक है समुद्रतल से इसकी ऊँचाई लगभग 1200 मीटर है यह स्थान व्यास नदी के किनारे पर बसा एक रमणीय स्थल है यह स्थान लाखो लोगों को साल में अपनी और आकर्षित करता है यहाँ के झरने, नदियों का पत्थरों के बीच से बहना, बड़े-बड़े देवदार के वृक्ष, ऊँचे-ऊँचे पहाड़, पहाड़ों पर बने रास्ते, पहाड़ों पर बने मंदिर, घने वन, पहाड़ों से सूर्य के दर्शन करना, बर्फ से ढके पहाड़ आदि यह सारे ही चीजे पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है|

कुल्लू घाटी

“कुल्लू के पर्यटन स्थल” या कुल्लू शहर को 3 भागों में बांटा जा सकता है पहला ढालपुर मैदान जहाँ का अखाड़ा प्रसिद्ध है साथ ही साथ यहाँ का दशहरा राम नवमी के दिन होने वाला उत्सव, यहाँ विशाल रूप में मनाया जाता है जिसको क्षेत्रवासी पुरे हर्षोलाश से मनाते है और बड़े पैमाने पर मेला का आयोजन भी किया जाता है| दूसरा यहाँ का बसन्त ऋतु के आगमन पर पौधों और पेड़ो पर फूल और फल के आने पर घाटी का सौन्दर्य में चार चाँद लग जाता है और तीसरा जो प्रकृति को करीब से देखना चाहते है उनके लिए “कुल्लू के पर्यटन स्थल” का यह स्थान सबसे उपयुक्त जगह है|

यहाँ कैसे जायें?

“कुल्लू मनाली के पर्यटन स्थल” का निकटतम रेलवे स्टेशन कालका(हरयाणा) है कालका से टॉय(नैरोगेज) ट्रेन से शिमला तक जाया जा सकता है उसके बाद का सफ़र बस या कैब(टैक्सी) के द्वारा करना पड़ता है जोकि सीधे सड़क मार्ग से जुड़ा है|

यहाँ आने का सबसे अच्छा समय अप्रैल, मई, जून, सितम्बर, अक्टूबर, नवम्बर ही है बरसात के समय और शर्दी के समय को दूर ही रखें नहीं तो बेवजय परेशानी उठानी पड़ सकती है| सर्दी में भारी हिमपात के कारण रास्ते का ब्लॉक होना और बरसात के समय भूस्खलन के कारण मुसीबत में पड़ सकते है अतः इन दिनों में यात्रा न ही करें और सुरक्षित रहें|

Bijali Mahadev temple

कुल्लू महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल

रघुनाथ मंदिर

भगवान श्री राम को समर्पित यह मंदिर सैलानियों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित करता है यह स्थान कुल्लू के निवासियों के लिय  पूज्यनीय है|

वैष्णो देवी मंदिर

यह मंदिर कुल्लू से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा सा गुफा के अन्दर बना है जम्मू(कटरा) के वैष्णो देवी का ही छोटा रूप है यहाँ भी हजारों लोग माता के दर्शन को आते है|

बिजली महादेव मंदिर

यह मंदिर कुल्लू से 14 किलोमीटर की दुरी पर व्यास नदी के किनारे स्थित है मंदिर तक पहुँचने के लिए 11 किलोमीटर की कठिन चढाई चढ़नी पड़ती है इस मंदिर के ऊपर छत पर एक लोहे का खुटी लगा है जो आकाशीय बिजली को अपनी ओर आकर्षित करता है|

कुल्लू में घूमने की जगह

रायसन

रायसन

कुल्लू से मात्र 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह एक पिकनिक स्पॉट है समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 1450 मीटर है| व्यास नदी के किनारे पर यह स्थान है  चारों तरफ सेब, बेर, देवदार और रंग-बिरंगे फूलों के मनमोहक बाग लगे है|

कसौल

कुल्लू से 40 किलोमीटर की दुरी पर स्थित पार्वती नदी के किनारे यह एक खुबसूरत पिकनिक स्पॉट है यहाँ के नदी का पानी इतना साफ होता है की नदी के नीचे की धरती साफ़ देखी जा सकती है लोग यहाँ मछली का शिकार भी करते  है|

कटराई

यह स्थान कुल्लू से 18 किलोमीटर की दूरी पर व्यास नदी के किनारे पर बसा बेहद ही मनमोहक पिकनिक स्पॉट है समुद्रतल से इसकी ऊँचाई 1470 मीटर है|

कुल्लू मनाली में घूमने की जगह

भुंतर

यह एअरपोर्ट है (कुल्लू का) और कुल्लू से इसकी दूरी मात्र 8 किलोमीटर है यहाँ एक प्रसिद्ध आर्ट गैलरी है यहाँ काष्ठ की कलाकृतियाँ बहुत मशहूर है| यह स्थान यहाँ की गर्म शाल के लिए भी बहुत प्रसिद्ध है|

कैम्पिंग साइट

यह स्थान कुल्लू से 16 किलोमीटर की दूरी  पर स्थित है इसका समुद्रतल से ऊँचाई 1450 मीटर है यह कुल्लू का सबसे बेहतरीन पिकनिक स्पॉट है इसलिए इसका नाम ही कैम्पिंग साइट है|   

कुल्लू में प्रसिद्ध जगह

देव टिब्बा

यह एक धार्मिक स्थल के रूप में विख्यात है यहाँ छोटे-छोटे मंदिर हैं यह समुद्रतल से 3000 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है यहाँ ध्यान करने से आत्मिक शांति मिलती है|

लारजी

कुल्लू से 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह वनों से घिरा स्थान है जहाँ आपको कस्तूरी मृग, चीता, जंगली सूअर आदि देखने को मिल जायेंगे यहाँ पहाड़ियों के बीच स्थित झील बेहद ही खुबसूरत लगते है|  

कुल्लू घाटी

बजौरा

नग्गर

पुराने जमाने में नग्गर कुल्लू रियासत का राजधानी हुआ करता था यहाँ पुराना किला भी मौजूद है यहाँ कई मंदिर भी मौजूद है| सड़क मार्ग से यहाँ आसानी से पहुँचा जा सकता है|

बजौरा

कुल्लू से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यहाँ बशेश्वर महादेव जी का मंदिर है यह मंदिर 8वीं सदी के मध्य में निर्मित हुआ था इस मंदिर का आकार पिरामिड नुमा है और दीवारों पर खुबसूरत कलाकृतियाँ उकेरी गई है जो देखने योग्य है|  

कुल्लू के दर्शनीय स्थलों की जानकारी

मणिकर्ण

यह स्थान कुल्लू से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह स्थान पार्वती घाटी के नाम से प्रसिद्ध है बर्फ से ढका होने बावजूद पहाड़ के तलहटी में गर्म पानी का आना अपने आप में आश्चर्य की बात है उससे भी बड़ी बात यह है की यह पानी अपने औषधि गुणों के लिए विख्यात है|

बंजार

कुल्लू से इसकी दूरी लगभग 60 किलोमीटर है बंजार एक बहुत ही खुबसूरत दर्शनीय स्थल है मत्स विभाग के अनुमति से यहाँ के झील में मछली पकड़ा जा सकता है लोग यहाँ पिकनिक के नाम पर आते है|

केशधार

यह स्थान कुल्लू से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह स्थान अपने ऊँचे-ऊँचे हरे-भरे पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध है गाँव के लोग अपने भेड़-बकरी चराते देखे जा सकते है यहाँ पर वन विभाग द्वारा विश्रामगृह भी बनाया गया है जहाँ ठहरा जा सकता है|

बथाड़

कुल्लू से लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह स्थान बेहद ही मनमोहक है यह एक ऐसा स्थान है जहाँ पर्यटक अपने आप ही खींचे चले आतें है लोग टाइम पास करने मजे लेने और पिकनिक मनाने के लिए यहाँ आतें है|

निष्कर्ष

“कुल्लू के पर्यटन स्थल” जहाँ लोग गर्मी के दिनों में जाना पसंद करते है और एक खूबसूरत समय बिताते हैं|

“कुल्लू जिले के पर्यटन स्थल” जाने के लिए कई रास्ते है यहाँ पहुँचने के लिए रेलवे द्वारा जाया जा सकता है हवाई मार्ग से कैसे जायें और सड़क मार्ग (नेशनल हाईवे) के रास्ते से भी जाया जाता है सड़क मार्ग से आप बस-टैक्सी यह निजी कार से घुमने जाते हैं|

कुल्लू एक धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाता है जहाँ रघुनाथ मंदिर, वैष्णो देवी मंदिर, बिजली महादेव मंदिर आदि प्रसिद्ध मंदिर है इसके अलावा कुल्लू में घुमने के बहुत से स्थान है जैसे रायसन, कसौल, कतराई, भुंतर, देव टिब्बा, लारजी आदि अन्य महत्वपूर्ण स्थल भी है जिस पर भी विस्तार से बताया गया है|

अतः हमारा यह प्रयास रहा है की कुल्लू-मनाली के बारे में आपको सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त हो अगर कोई सवाल हो तो आप हमें लिख सकते है कमेंट भी कर सकते है और निश्चित रूप से आपका प्रश्न हमारा उत्तर से आपके समस्या का समाधान होगा|

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