अयोध्या राम मंदिर

अयोध्या राम मंदिर

shri ram chandra image

Ayodhya Ram Mandir

अयोध्या का अर्थ क्या है?

अयोध्या का शाब्दिक अर्थ क्या है? जिसपर किसी पाप या अधर्म का प्रभाव न पढ़े जो स्थली आयुध हो अर्थात् जिसपर कभी युद्ध और रक्तपात न हुआ हो|

दुसरे शब्दों में अयोध्या का अर्थ क्या होता है? पौराणिक ग्रंथों में मुताबिक अयोध्या को भगवान विष्णु की नगरी भी कहा जाता है|

अष्टचक्रा नवद्वारा देवानां पूरयोध्या|

तस्यां हिरण्ययः कोशः स्वर्गो ज्योतिषावृतः||

अयोध्या “देवो की पूरी” है यहाँ भगवत भक्ति हेतु देवतागण हमेशा आते हैं अयोध्या में आठ चक्र और नौ द्वार है यह सबके लिए मंगल करता रहता हैं| जब श्रृष्टि का निर्माण हो रहा था तो भगवान विष्णु के आशीर्वाद से ब्रम्हाण्ड का एक भूखंड पृथ्वी लोक पर अयोध्या के रूप में आया था इसी भूखंड को अयोध्या कहा जाता है भगवान विष्णु की इस नगरी को आदि नगरी भी कहा है| यह उनकी सबसे प्रिय नगरी भी कहा जाता है|

अयोध्या राम मंदिर के आसपास के स्थान को पृथ्वी की सर्वप्रथम मानव नगरी भी कहा जाता है और देवों ने स्वयं इसका नाम अयोध्या रखा| यहाँ दूर-दूर से साधु संत भजन कीर्तन और तपस्या करने आया करते थे| यहीं से भगवान विष्णु के चरणों से यमुना नदी बहती है जो आज भी बहती है|

रामायण के कथानुसार भगवान विष्णु के अयोध्या नाम का क्या अर्थ है?- जहाँ सगुण और निर्गुण दोनों का निवास स्थान हो, उसे अयोध्या कहा जायेगा इसलिए यह स्थान अद्भुत अलौकिक और अपूर्व नगरी है|

राम मंदिर कहां बना है? राम मंदिर तो पूरे भारतवर्ष में है लेकिन जहाँ प्रभु श्री राम का जन्मस्थान है वह अयोध्या है| अयोध्या राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रगति पर चल रहा है और राम मंदिर कब बनेगा तो यह 1 जनवरी 2024 को गर्भगृह का दर्शन दर्शनार्थियों के लिए खुल जायेंगे लेकिन ऊपर का निर्माण कार्य जारी रहेगा|

अयोध्या राम मंदिर का इतिहास

भारत की जीवंत संस्कृत अयोध्या ही है मर्यादा पुरोषोत्तम भगवान श्रीराम के भी पूर्ववती सूर्यवंशी राजाओं की यह राजधानी रही है भगवान श्री राम इक्ष्वाकु वंश के थे भगवान श्री राम जब अपने धाम चले गए यानि क्षीर सागर तो उनके साथ रहने वाले लोग या पशु-पक्षी भी उनके साथ दिव्यधाम को चले गए इसी वजह से आयोध्या का पतन हुआ और त्रेतायुग में ही आयोध्या नगरी उजड़ गयी बाद में भगवान श्री राम के पुत्र कुश ने इसे पुनः बसाया|

jai shree ram dp

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अयोध्या का राम मंदिर किसने बनाया था

भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल में से एक आयोध्या का श्री राम मंदिर जहाँ भगवान श्री राम-लक्ष्मण, भारत और शत्रुघन का जन्म हुआ और यहीं से वनवास के लिए प्रस्थान भी किये  थे राम-लक्ष्मण और माता सीता|  

अयोध्या राम मंदिर भगवान श्री राम के पिता राजा दशरथ ने बनवाया था उसके बाद बाबर के आक्रमण के बाद मंदिर को ध्वस्त कर दिया था अब सवाल उठता है|

अयोध्या का प्राचीन इतिहास

यह नगरी मनु ऋषि द्वारा इसको स्थापित किया गया फिर ब्रम्हाजी यहाँ आके एक कुण्ड बनवाया जो ब्रम्ह कुण्ड के नाम से आज भी प्रसिद्ध है यहाँ भगवती सीता माता द्वारा निर्मित एक सीताकुंड है जिसे भगवान श्रीराम ने वर देकर समस्त कामपरम बनाया उसमे स्नान करने से मनुष्य सब पापो से मुक्त हो जाता है| 

ऐसा लोगो का विश्वाश है यहाँ जो ब्रम्हकुंड है यहाँ से पूर्वोतर मैं ऋणमोचन तीर्थ है यानि सरयू और यही पर लोमशजी ने विधिपूर्वक स्नान किया था इसलिए भी यह एक पवित्र भूमि मानी गयी है यहाँ पर स्थित लक्ष्मणघाट है कहा जाता है की यहीं से लक्ष्मणजी अपने परम धाम को पधारे थे बगल मैं स्वर्गद्वार, अहिल्याबाई घाट, रामकोट, हनुमानगढ़ी ये स्थान एक ऊँचे पहाड़ पर स्थित है जहाँ से हनुमान जी पुरे क्षेत्र की निगरानी किया करते थे इनके बगल में दर्शंनेश्वर और भगवन श्री राम जी का जन्म स्थान कनकभवन है जहाँ श्री राम जी ने जन्म लिया था |

अयोध्या

अयोध्या राम मंदिर का इतिहास

आगे चलकर बाबर भारत पर आक्रमण किया और मंदिरों को नष्ट कर दिया था जिसपर मुकदमा चला और लगभग 500 वर्षो के लम्बे अन्तराल के बाद पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से तथ्यों और साक्षों के आधार पर श्री राम के पक्ष मैं फैसला दिया और 5 अगस्त को मंदिर निर्माण का कार्य भव्य ढंग से प्रारम्भ हुआ| सन 2024 तक सम्पूर्ण 3 माले का विशाल भवन देखने को मिल सकता है|

अयोध्या राम मंदिर विवाद क्या है?

मंदिर विवाद का मूल मुद्दा राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद को लेकर था | बाबर के भारत आक्रमण करने के उपरान्त उसने मंदिर का एक हिस्सा ध्वस्त करवाकर उसी से सटाकर मस्जिद का निर्माण करा दिया इस तरह इस विवाद का जन्म हुआ| हिंदुस्तान के इतिहास में क्या पुरे विश्व के इतिहास में सबसे ज्यादा वर्षो 500 वर्षो तक विवाद चला और इसका फैसला सन 2021 को मंदिर के पक्ष में आया यह भारत के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल में से एक है| 

राम मंदिर किसने तोड़ा

बाबर के सैनिक लोगों ने ही राम मंदिर को तोड़ा और विद्द्वंश किया|

अयोध्या राम मंदिर निर्माण समाचार

राम मंदिर के बारे में जज का फैसला

भारत के दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट में 40 दिनों तक लगातार सुनवाई चली| दोनों पक्षों के मराथन सुनवाई के बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अध्यक्षता में 5 जजों की पीठ ने जमीनी विवाद मामले में अपना ऐतिहासिक फैसला मंदिर के पक्ष में सभी जजों ने सर्वसम्मति से सुनाया|

राम जन्मभूमि ट्रस्ट

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ स्थान में एक ट्रस्ट का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद किया गया जिसमे अब तक 1000 करोड़ रूपए की राशि ट्रस्ट के अकाउंट में आ चुका है यह पैसा समर्पण निधि के माध्यम से लिया जा रहा है|

अयोध्या-मंदिर

राम मंदिर का ताजा समाचार

इस समय मंदिर का काम बहुत तेज गति से हो रही है अधिक संख्या में कारीगर को लगाया गया है गुजरात, उत्तर प्रदेश, बिहार, बंगाल से, राजेस्थान से कारीगर मंगाए गए है|

अयोध्या राम मंदिर का उद्घाटन

कोरोना काल के द्वरान दो गज की दुरी के साथ के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने पुरे विधि-विधान से मंदिर निर्माण का नीव रखा और मंदिर का कार्य प्रारम्भ हुआ|

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कब होगा

अगस्त 2020 को ही राम मंदिर निर्माण कार्य प्रारम्भ हो चूका है असल मैं दसो साल पहले से ही मंदिर के निर्माण की आवश्यक सामग्री जुटाई जा रही थी मसलन पत्थर तराशने का काम हो रहा था कारीगर लगे थे लेकिन फैसला आने के बाद इसमें और तेजी आयी है|

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श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का विवरण

  • मंदिर परम्परागत नागर शैली में निर्मित है|
  • मंदिर की लम्बाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट एवं ऊँचाई 161 फीट|
  • तीन मंजिला मंदिर प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट कुल 392 खम्बे और 44 दरवाजे है|
  • भू-तल गर्भगृह-> प्रभु श्रीराम के बाल रूप (श्रीरामलला) का विग्रह, प्रथम तल गर्भगृह- श्रीराम दरबार|
  • कुल पाँच मंडप है –> नृत्य मंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप(सभा मंडप), प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप|
  • खम्बे, दरवाजे, दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियाँ है|
  • प्रवेश पूर्व से, 32 सीढ़ियाँ (ऊँचाई 16.5 फीट) चढ़ते हुए सिंहद्वार से होगा|
  • दिव्यांगजन तथा वृद्धों के लिय रैंप एवं लिफ्ट की व्यवस्था|
  • चारों ओर आयताकार परकोटा (प्राकर) लम्बाई 732 मीटर, चौड़ाई 4.25 मीटर, परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर –> भगवान सूर्य, शंकर, गणपति, देवी भगवती, परकोटो की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर है|
  • मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीता कुण्ड है|
  • श्रीमान जन्मभूमि मंदिर परिसर में प्रस्तावित अन्य मंदिर-

        * महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वसिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज गुह, माता शबरी एवं देवी अहिल्या|

          * दक्षिणी-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोधार एवं रामभक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापना है|   

अयोध्या राम मंदिर निर्माण

प्रभु श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण सीमेंट और लोहे के बिना ही बन रहा है| और ऐसा भव्य राम मंदिर बन रहा है जो एक हजार साल तक आंधी-तूफान-भूकंप या अन्य प्रकृतिक आपदाओं को झेल सकता है इसको इस प्रकार से बनाया जा रहा है की यह हर प्रकार से सुरक्षित रहें|

मंदिर में बड़े-बड़े चट्टानों (शिलाओं) का इस्तेमाल किया गया है जिसको राजस्थान से लाया गया है और उसपर बहुत सुन्दर नक्काशी किया गया है| जो एक के ऊपर एक रख कर पूरे स्तंभ का निर्माण किया जा रहा है| एक पिलर बनाने के लिए पांच से छः शिला का इस्तेमाल किया जा रहा है|

लेकिन जो सबसे मजेदार बात है वह यह की इसको जोड़ने के लिए न ही सीमेंट का इस्तेमाल किया जा रहा है और न ही सरिया का इस्तेमाल किया जा रहा है| फिर इसको कैसे जोड़ा जा रहा है इसके लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है| जैसे बच्चे ब्लॉक-ब्लॉक खेलते है उसी प्रकार एक पत्थर में छेद रहेगा और दूसरे में उभरा हुआ हिस्सा जो उभरा हुआ हिस्सा है वह दूसरे शिला के छेद में जाकर बैठ जाएगा|

इस तरह यह जुड़ेगा एक को आप चाभी मान लीजिये और दूसरे को ताला दोनों के मिलने से ताला लग जाएगा फिर इन दोनों शिलाओं को और मजबूती देने के लिए मोटे-मोटे कॉपर (तांबे) के तार से बांधा जाएगा जिससे पत्थर अपनी जगह पर फिक्स या स्थिर हो जाये|

इस तरह खूबसूरत खम्भे का निर्माण किया जाएगा जिसपर पहले से जबरदस्त नक्काशी किया गया है बस एक के ऊपर एक रखते और जोड़ते चले जायेंगे और स्तंभों और दीवार का निर्माण होता चला जाएगा|

अब प्रश्न यह उठता है की अयोध्या राम मंदिर में सीमेंट और लोहे का इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है? तो इसका उत्तर है लोहे की एक उम्र होती है उसके बाद उमसे जंग लग जाता है और एक अच्छी गुणवत्ता वाले कंक्रीट से बना ईमारत लगभग 100 साल तक खड़ा रह सकता है| लेकिन इस मंदिर को बनाने का मकसद है इसे कम से कम एक हजार साल तक जीवित रखना|

इसलिए इसके निर्माण में ऐसे किसी भी चीज का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा जो मंदिर को नुकसान पहुंचा सके| मंदिर निर्माण में बारीक से बारीक चीज पर ध्यान दिया गया है|         

आइकोनोग्राफी भी स्तंभों में किया जाएगा आइकोनोग्राफी का मतलब है शिलाओं पर मूर्तियों का निर्माण करना| जिसको करने के बाद स्तंभों की खूबसूरती में चार चाँद लग जाएगा| कहा जा रहा है इस तरह सात हजार मूर्तियाँ बनाई या उकेरी जाएगी|

राम मंदिर का निर्माण सिर्फ शिलाओं से ही नहीं बल्कि ईटों से भी किया जा रहा है हर ईट में श्रीराम और सन (उदाहरण 2022, 2023) लिखा हुआ है| इससे यह जानने में सुविधा होगा की आज से सौ साल बाद यह मंदिर कब बना|

अयोध्या प्रभु श्रीराम का जन्म स्थान है मंदिर के गर्भगृह में उनका बाल रूप की मूर्ति रखी जाएगी इसके अलावा नेपाल से भारत आयी शालिग्राम पत्थर से निर्मित साढ़े पांच फूट की मूर्ति का निर्माण भी किया जा रहा है जिसमें श्रीराम लक्षण और सीता माता की मूर्ति बनाई जाएगी| मूर्ति बाल रूप में ही रहेंगे लेकिन ऊँचाई साढ़े पांच फूट की रहेगी यह बैठे हुए रूप में होंगे|

मंदिर के अन्दर जो मूर्ति लगेगी वह मूर्ति खड़े रूप में रहेंगे| जनवरी 2024 को अयोध्या राम मंदिर दर्शन को आम जनता के लिए खुल जाएगा लेकिन ऊपर तल्ले का निर्माण कार्य जारी रहेगा| 

अयोध्या राम मंदिर कितना बना है तो 2023 के अंत तक गर्भगृह का कार्य लगभग पूर्ण कर लिया जाएगा और दर्शन के लिय खुल जाएगा|

Ram Songs Download 2021

1- अयोध्या धाम आये रामजी (DJ)
2- अयोध्या में जय जय श्री राम होगा (DJ)
3- अयोध्या में राम मंदिर -भोजपुरी (DJ)
4- हनुमानजी चले अयोध्या (DJ)
5- पी के राम नाम का प्याला (DJ)
6- राम भक्ति अयोध्या गीत भोजपुरी (DJ)
7- अनुपम तीर्थ अयोध्या 
8- अवध में आये हैं श्री राम
9- अयोधया आये है श्री राम
10- अयोधया छोड़ चले प्रभु राम
11- अयोध्या जय श्री राम
12- राम राम बोलो अयोध्या चलो
13- अयोध्या करती है आह्वान
14- अयोध्या राम आये है
15- अयोध्या रामलला का धाम
16- भगवा जय श्री राम
17- चलो अयोधया राम लाला ने बुलाया है
18- हे राम अयोधया छोड़ के वन मत जाओ
19- जय नगरी अयोधया
20- जय श्री राम-1
21- जय श्री राम-2
22- जय श्री राम
23- कथा श्री राम भक्ति हनुमान की
24- किसी के बाप की नहीं अयोधया
25- राम भक्ति ले चला रे राम की निशानी
26- राम मंदिर का अयोधया में
27- राम राम बोलो अयोधया चलो

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