अमरनाथ

अमरनाथ

अमरनाथ का कथा

अमरकथा के अनुसार भगवान शिव ने माता पर्वती को कहा – हे देवी! सृष्टि रचना के काल में सृष्टिकर्ता अमरेश्वर महादेव ने समस्त जगत, तीनो लोकों, ब्रम्हाण्ड, मनुष्य जीव-जंतु, देव, अप्सरा, राक्षस किन्नर, गन्धर्व, जल प्राणी, नभ प्राणी व अन्य समस्त तरह के प्राणी आदि की रचना की|

श्रृष्टि की रचना के बाद सभी प्राणी अपने-अपने लोको में निवास और विचरण करने लगे सारे प्राणियों को उनके जरूरतों के हिसाब से शक्तियाँ दी गयी ताकि वो अपनी इच्छा अनुसार जीवन-यापन कर सके और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की सारे प्राणी श्रृष्टि के आधीन रहकर ही कार्य करेंगे नियमो के विरुद्ध कुछ भी संभव नहीं होगा|

इसीलिए आप देखेंगे इस जगत के प्रतेक प्राणी का अपना एक सीमा है और वह उस सीमा का उल्लंघन नहीं कर सकता| जिसने भी इस जगत के नियम के खिलाफ काम किया है उसका पतन हुआ है और सृष्टि उसको दण्ड अवश्य देती है|

अमरनाथ की घटना

श्री अमरनाथ एक पुण्यप्रद, मुक्तिदायनी हिन्दुओ का एक प्रमुख तीर्थस्थल है यह स्थान भारत के शीर्ष कहे जाने वाले राज्य जम्मू और कश्मीर में स्थित है जो आज कश्मीर में स्थित है यह दुनिया का सबसे ऊँचा तीर्थ स्थान है यह वो स्थान है जहाँ भगवान शिव और माँ पार्वती स्वयं निवास करते है यहीं पर भगवान शिव ने माता पर्वती को अमरत्व का रहस्य बताया था जिसे एक पक्षी ने पूरा सुना और वो अमर हो गया माता पर्वती कथा के बीच में ही सो गयी थी|

अमरनाथ की गुफा

अमरनाथ गुफा में बर्फ से बने शिवलिंग की पूजा होती है जिसे हिमानी शिवलिंग अर्थात स्वयं से निर्मित बर्फ का लिंग है इसे लोग दाद्श ज्योतिर्लिंग में से एक मानते है गुफा तक पहुँचने का रास्ता बहुत ही उबड़-खाबड़-पहाड़-बर्फ-चट्टान-कंकड़-पत्थर आदियों से होकर गुजरना पडता है और यह एक लम्बी चढाई है जिसके लिए बाकायदा सरकार से आज्ञा ले कर ही जाया जाता है भगवान के शिवलिंग की सबसे बड़ी विशेषता है की यह चन्द्रमा के घटने व बढने के साथ-साथ शिवलिंग का आकर भी घटता और बढता है|

अमरनाथ गुफा का रहस्य

एक दिन की बात है भगवान शिव और पार्वती अमरनाथ गुफा में बैठे बातें कर रहें थे तभी माता पार्वती के मन में एक सवाल आया क्या मनुष्य के अमर होने का कोई उपाय नहीं है? उन्होंने भगवान शिव से पूछा| इस सवाल पर भगवान शिव ने अपने सभी प्रिय लोगों को अपने से अलग किया जैसे नंदी, पुत्र गणेश कार्तिक (सबको) क्योकि वह नहीं चाहते थे की कोई इस कथा को सुने क्योकि इससे प्रकृतिक का संतुलन बिगड़ सकता है|

इसके बाद उन्होंने अपना कथा प्रारम्भ किया लेकिन फिर भी वहां एक पक्षी (तोता) रह गया था उस गुफा के अन्दर जो माता पार्वती के साथ सुन रहा था इससे पहले भगवान शिव ने पार्वती से कहा की बीच-बीच में हुंकारी देते रहें कथा सुनते-सुनते बीच में ही माता पार्वती को नीद आ गया लेकिन तोता हुंकारी भरता रहा और पूरा कथा सुना|

कथा के अंत में जब भगवान को पता चला तो उस तोते को मरने के लिए अपना त्रिशूल छोड़े लेकिन तोता उड़ते-उड़ते ऋषि व्यास के कुटिया पहुंचा माया के बल पर वह पक्षी ऋषि की पत्नी के गर्भ में चला गया त्रिशूल वापस लौट गया 12 वर्षो के बाद वह तोता शुकदेव रूप में बहार आये और सन्यासी बने|

अमरनाथ की खोज किसने के थी?

इस अमर गुफा की खोज आज से लगभग 150 वर्ष पहले बूटा मलिक द्वारा खोजा गया आज उनका पाँचवी पीढ़ी चल रहा है| बूटा मलिक कश्मीर के अनंतनाग जिले के रहनेवाले थे| 

अमरनाथ की गुफा कहाँ है

अमरनाथ की गुफा पहुँचने के लिए हिमालय पर्वत श्रेणियों और शंखालाओं से होके जाया जाता है वहाँ तक जाने के लिए कोई सीधा रास्ता नहीं बना है पर्वत-चट्टान-जंगल-नदी से होकर गुजरना होता है इसकी ऊँचाई समुंद्र ताल से 3888 मीटर पर है और श्रीनगर से लगभग 140-150 किलोमीटर है|

अमरनाथ की यात्रा कैसे करें

इस अमर और प्रवित्र गुफा का दर्शन करने के लिए सबसे पहले आपको जम्मू पहुँचा होता है जम्मू अंतिम रेलवे स्टेशन है भारत का उसके बाद पहाड़ी शंखला शुरू हो जाती है जम्मू से श्रीनगर वाया बस से जाया जा सकता है फिर आपके पास दो विकल्प है या तो आप चंदनवाड़ी-पहलगाम (32 किलोमीटर) जाएँ या बालटाल (14 किलोमीटर का यात्रा है)|

इन दोनों स्थानों से ही अमर गुफा की पवित्र यात्रा की शरुआत कर सकते है दोनों ही रास्ते की दुरी 14-15 किलोमीटर है बालटाल यात्रा थोड़ा मुश्किल है और पहलगाम रास्ता थोड़ा सरल है अतः अगर आप जाने की सोच रहें है पहलगाम चुनें| दोनों ही जगह की दुरी 92-93 किलोमीटर है| श्रीनगर से अमर गुफा की दुरी लगभग 140-150 किलोमीटर है|

अमरनाथ कहाँ है

अमरनाथ किस राज्य में है? अमरनाथ कश्मीर राज्य के श्रीनगर से उत्तर-पूर्व दिशा में स्थित है इस प्रवित्र गुफा की चौड़ाई 16 मीटर, गहराई 19 मीटर, और ऊंचाई 11 मीटर है| श्री अमरनाथ को तीर्थो का तीर्थ कहा जाता है|

अमरनाथ यात्रा पैकेज

इस यात्रा को करने वालों के लिए IRCTC के तरफ से यात्रा पैकेज दी जाती है, टूर एंड ट्रेवल्स के तरफ से भी कई रियायत दी जाती है और कई ऑफर दिए जाते है|

अमरनाथ यात्रा के लिए जरुरी सामान

इस अमर गुफा की यात्रा के लिए आपके पास जो जरुरी सामान होना चाहिए वह है ऊनी कपड़े क्योकि वहाँ का तापमान (-5 से -10) तक जा सकता है इसलिए आपके पास स्वेटर, ऊनी मंकी टोपी, जैकेट, गर्म इनर, विंड चीटर, कम्बल, वाटर प्रूफ जूता, बरसात से बचने के लिए छाता क्योकि बरसात बराबर होता रहता है एक छड़ी रखे, टोर्च (torch) न भूले इन सामानों के साथ यात्रा पर निकले|

अमरनाथ यात्रा की तैयारी

अमरनाथ यात्रा के लिए सबसे पहले इस वेबसाइट पर http://shriamarnathjishrine.com जाइये दो फॉर्म डाउनलोड करें, उसे भरें (5 photo लगेगा) एक बैंक चालान और दूसरा मेडिकल दोनों फॉर्म भरने के बाद अपने नजदीकी बैंक और सरकारी अस्पताल से संपर्क करें फिर एक तारीख तय करें (यात्रा के लिए) उसके बाद ट्रेन या प्लेन का टिकेट बुक करें फिर शुरू होता है जीवन का सबसे महान यात्रा ……..   

अमरनाथ की कथा आल्हा में

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