ईश्वर पर अनमोल वचन

ईश्वर अनमोल वचन

संक्षेप्त परिचय

ईश्वर पर अनमोल वचन लिखना यानि ईश्वर का गुणगान करना लेकिन हम एक ऐसे चीज की तारीफ कर रहें हैं जिसको किसी ने भी नहीं देखा है लेकिन हम सब उसको महसूस कर सकते हैं जैसे- जब हवा चलती है तो उसको हम महसूस कर सकते हैं लेकिन हम देख नहीं सकते उसी तरह ईश्वर हैं उसकी बनाई खूबसूरत चीजों को हम देख सकते हैं यह नदी-पर्वत खूबसूरत प्रकृति यह सब हम देख सकते हैं लेकिन इनको बनाने वाले को नहीं देख सकते यह अजीब विडम्बना हैं|

इस लेख में हम भगवान के अनमोल वचन को पढ़ेंगे भगवान पर अनमोल वचन और ईश्वर के बारे में समझेंगे बहुत ही कम शब्दों में साथ ही साथ जानकारी जो आपको सत्य से परिचित करा देंगे और संक्षेप में ईश्वर के नाम और ईश्वर कहां है? इसको भी जानेंगे|

क्या ईश्वर है? ईश्वर ही ईश्वर है सभी कुछ वही है, लेकिन जो ‘मैं’ से भरे हैं वे उसे नहीं जान सकते| उसे जानने की पहली शर्त स्वयं को खोना है|

विस्तार से जाने

ईश्वर है या नहीं?

ईश्वर कहें परमात्मा-भगवान या फिर अन्य धर्मो के हिसाब से अल्लाह-जीजस(ईशु) या अन्य कुछ भी कहें है| लेकिन है तो- एक ही| इस बात को सबने माना है और मजे की बात यह है की सब ऊपर ऊँगली दिखाते है की ऊपर वाला सबका मालिक है सभी धर्मो का मजहब, पन्त, जात, समुदाय सबका मालिक एक ही है फिर भी हम झगड़ते हैं अपने धर्म को श्रेष्ठ साबित करने में लगे हैं लेकिन एक चीज सब में एक जैसी है वह है ईश्वर से बढ़कर इस दुनिया में कोई शक्ति नहीं होती है इस बात पर सभी सहमत है|

जो ऊपर वाला है जिसे हम परम ईश्वर यानि परमेश्वर कहते हैं वह ही सर्वोच्च पारलौकिक शक्ति है उसी ने इस पूरे ब्रम्हाण्ड को थाम रखा है और कितने जादुई तरीके से थाम रखा है पृथ्वी ग्रह आकाश में (हवा में) होते हुए भी इधर-उधर नहीं जाता और सबसे मजेदार बात है की यह अपने स्थान पर इतने तेज गति से घूम रहा है फिर भी हम अपने स्थान से नहीं गिरते|

इसी तरह हर ग्रह-नक्षत्र-तारे अपने-अपने स्थान पर स्थित होकर घूम रहें है कोई तो एक शक्ति है जो हम सबको बांधे रखे हुए है यही ईश्वर के गुण और यही ईश्वर का स्वरूप भी है क्योंकि उसका कोई स्वरुप नहीं है वह तो हर जगह विद्यमान है कण-कण में व्याप्त है|

ईश्वर प्रत्येक व्यक्ति को सच और झूट में एक को चुनने का अवसर देता है|

सवाल उठता है ईश्वर है या नहीं और अगर ईश्वर है तो ईश्वर कहां है?

एक बात तो साफ़ है की कोई शक्ति है जो हमें चला रहा है जैसे हमारे अन्दर साँस का चलना वही चीज जानवर, पशु-पक्षी में भी है और इस बात को हर धर्म के सर्वोच्च लोग जैसे ईसाइयों के पादरी, मुसलमान के मौलाना, हिन्दुओं के साधु-संत आदि धर्म गुरु उस एक परम सत्ता को मानते हैं|

तो अगर आपका सवाल है की ईश्वर एक है किसने कहा?

तो यह बात हर धर्म, जात, पन्त, मजहब के लोग मानते है केवल उनके मनाने का तरीका अलग-अलग होता है इबादत करना का तरीका भिन्न-भिन्न होते है लेकिन लक्ष्य सबका एक ही होता है|

लेकिन देखा किसी ने नहीं केवल हमारे ऋषि-मुनियों ने अनुभव है उदाहरण के लिए भगवान गौतम बुद्ध, महावीर, स्वामी विवेकानंद, रामकृष्ण परमहंस, महर्षि दयानंद आदि महापुरुषों ने महसूस है|

आइये जानते है ईश्वर कौन है?– जो समय से परे है जिसके लिए भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्य काल का कोई मतलब नहीं जो खुद समय है- वह ईश्वर है| दुसरे शब्दों में अगर समझे तो ईश्वर अर्थात् ई + स्वर मतलब हमारा जो साँस चल रहा है वही ईश्वर है वह निकल गया मनुष्य खत्म यानि ईश्वर हमारे अन्दर ही है हर जीव में ईश्वर(साँस) के रूप के विद्यमान है|

ईश्वर हमारे अन्दर है और हम खोज रहें हैं बाहर कस्तूरी मृग का हाल है| अगर ईश्वर को अनुभव करना है तो अन्दर की यात्रा करनी होगी और यह यात्रा है यह कोई एक दिन, दो दिन, साल भर का क्रिया नहीं है यह निरंतरता का खेल है|

कोई भी निरंतर ध्यान से ईश्वर को प्राप्त कर सकता है| ईश्वर को प्राप्त करने के बहुत से रास्ते हैं लेकिन ध्यान सबसे सुलभ और आसान रास्ता है जिसमें करना कुछ नहीं होता है बस एक स्थान पर शांत बैठकर सचेत रहना होता है|

इतना छोटा सा काम करके कोई भी अपने परम लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है|

ईश्वर कोई बाहर्य सत्य नहीं है| वह तो स्वयं के ही परिष्कार की अंतिम चेतनावस्था है उसे पाने का अर्थ स्वयं वही हो जाने के अतिरिक्त और कुछ नहीं है|

भक्तिमय सुविचार

आस्था पर सुविचार

परमात्मा के अनमोल वचन

भक्ति वचन

सद्भावना सुविचार

निष्कर्ष

उपरोक्त लेख में हमने देखा “ईश्वर पर अनमोल वचन” लिखना (बहुत काम शब्दों में) एक बहुत ही मुश्किल काम था लेकिन अपने अनुसन्धान और रिसर्च के आधार पर आपको वह चीज बताने का प्रयास किया है जो दुर्लभ ग्रंथों में लिखा हुआ है आज के इस व्यस्त जीवन में किसी के पास पूरा गीता पढ़ने का समय नहीं है लेकिन उसको समझने का प्रयास करना उसके लिए समय निकलना भी अपने आपमें जीवन को मुक्ति के तरफ किया गया एक कदम है|

ओशो ने भी ईश्वर के बारे में अपने पुष्तक में विस्तार से लिखा है अधिक जानकारी के “ईश्वर क्या है ओशो” के नज़र से समझने के लिए यहाँ पर click करें| ईश्वर पर अनमोल वचन in English में समझने के लिए आपके स्क्रीन के सबसे नीचे हरे रंग के पट्टी पर क्लिक करके हिंदी से इंग्लिश में बदल सकते हैं और इसी तरह ईश्वर पर अनमोल वचन in hindi में भी बदला जा सकता है|

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